रांची : शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए सिस्टम को सुदृढ़ करें : डॉ नीरा

नैक एक्रिडिएशन पर कार्यशाला का किया गया आयोजन रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा है कि विवि व कॉलेज शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सुदृढ़ सिस्टम बनायें. इसके लिए सभी कॉलेज नैक से मान्यता (एक्रिडिएशन) लें. इससे शिक्षा की गुणवत्ता, वित्तीय अनुदान आदि प्राप्त करने में सहायता मिलेगी. इतना ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2018 9:20 AM
नैक एक्रिडिएशन पर कार्यशाला का किया गया आयोजन
रांची : शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा है कि विवि व कॉलेज शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सुदृढ़ सिस्टम बनायें. इसके लिए सभी कॉलेज नैक से मान्यता (एक्रिडिएशन) लें. इससे शिक्षा की गुणवत्ता, वित्तीय अनुदान आदि प्राप्त करने में सहायता मिलेगी. इतना ही नहीं यूजीसी व रूसा के नियमानुसार यह जरूरी भी है. अगर किसी महाविद्यालय या विवि को नैक से संबंधित दिक्कत आ रही है, तो वे बतायें.
डॉ यादव बुधवार को उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा नैक व एक्रिडिएशन प्रोसेस से संबंधित राज्यस्तरीय कार्यशाला में बोल रही थीं. शिक्षा मंत्री ने कॉलेज को आइक्विक सेल को एक्टिवेट करने का निर्देश दिया.
साथ ही इंटरनल सेल, कलस्टर लेवल सेल व यूनिवर्सिटी लेवल सेल बनाने की राय दी. संबद्ध महाविद्यालय व बीएड कॉलेज को शीघ्र नैक से मान्यता लेने को कहा. वहीं, विभाग द्वारा समुचित सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि सरकार महाविद्यालयों के नैक एक्रिडिएशन कराने पर गंभीर है. शोध विस्तारीकरण संरचना आदि पर जोर देकर ही नैक से अधिक प्वाइंट लाया जा सकता है.
रांची विवि के कुलपति प्रो रमेश कुमार पांडेय ने नैक से मान्यता लेने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला एवं उन्होंने कॉलेजों से नैक से मान्यता लेने को कहा, ताकि सरकार से ससमय अनुदान प्राप्त हो सके. विनोबा भावे विवि के कुलपति प्रो रमेश शरण ने नैक के लिए तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक कॉलेज में सुदृढ़ आधारभूत संरचना होनी चाहिए. हर कॉलेज में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग पर ध्यान देना चाहिए. कनेक्टिविटी में निवेश के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए. नैक से संबंधित चुनौतियों के समाधान पर जोर दिया. इस मौके पर नैक के प्रतिनिधि बीएस पुंडरीराज ने कहा कि राज्य के 96 महाविद्यालय नैक से एक्रिडेटेड हैं.
नैक ने झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों को एक्रिडेशन में काफी सहायता दी है. उन्होंने कहा कि नैक की गाइडलाइन काफी सरल व डिजिटल है. इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. इस कार्यशाला में दो तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. इसमें उच्च शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा, प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक डॉ संजीव चतुर्वेदी, उप निदेशक डॉ सुनीत कुमार, डॉ अजय कुमार चौधरी आदि उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन उप निदेशक डॉ नितेश राज ने किया.

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