12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : हड़ताल के एक माह पूरे, काम पर नहीं लौटे 57 हजार पारा शिक्षक, दस हजार स्कूलों में बाधित है पठन-पाठन

मांगें पूरी नहीं होने पर एकीकृत शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन और तेज करने की घोषणा की रांची : 15 दिसंबर को राज्य के पारा शिक्षकों की हड़ताल के एक माह पूरे हो गये. हड़ताल के कारण लगभग दस हजार स्कूलों में पठन-पाठन बाधित है. दूसरी तरफ, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश के […]

मांगें पूरी नहीं होने पर एकीकृत शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन और तेज करने की घोषणा की
रांची : 15 दिसंबर को राज्य के पारा शिक्षकों की हड़ताल के एक माह पूरे हो गये. हड़ताल के कारण लगभग दस हजार स्कूलों में पठन-पाठन बाधित है. दूसरी तरफ, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश के बाद भी हड़ताली पारा शिक्षकों को बर्खास्त नहीं किया जा सका है और न ही शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सकी है. 67 हजार पारा शिक्षकों में से 57 हजार पारा शिक्षक अब भी हड़ताल पर हैं.
प्रावधान के अनुरूप पारा शिक्षकों को नोटिस दिये जाने के एक माह पूरे होने पर उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है, पर अब तक सभी पारा शिक्षकों को नोटिस भी नहीं दिया जा सका है. विद्यालय प्रबंध समिति न तो शिक्षकों को बर्खास्त कर रही है, न ही नये शिक्षकों की नियुक्ति. इस कारण विभागीय निर्देश के बाद भी विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है.
आज से विधायक आवास के समक्ष धरना देंगे : इधर, पारा शिक्षकों ने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है. पारा शिक्षक 16 दिसंबर से सभी विधायकों के आवास के समक्ष धरना देंगे. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे ने बताया कि राज्य के शत-प्रतिशत पारा शिक्षक 30 दिनों से हड़ताल पर हैं.
राज्य के विद्यालयों में ताला लटक रहा है. सरकार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी आंदोलन जारी रहेगा. पारा शिक्षक विधानसभा के सत्र के दौरान 24 दिसंबर से विधायक आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे. इसके बाद पारा शिक्षक दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवास का घेराव करेंगे.
मांगों को लेकर धरना देगा बीआरपी-सीआरपी महासंघ
रांची : बीआरपी-सीआरपी महासंघ ने अपनी मांगों के समर्थन में चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पंकज शुक्ला ने कहा है कि सरकार बीआरपी-सीआरपी की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.
आंदोलन के प्रथम चरण में बीआरपी-सीआरपी तीन दिनों तक न तो विद्यालय का निरीक्षण करेंगे और न ही रिपोर्ट भेजने का कार्य करेंगे. इसके बाद 26 व 27 दिसंबर को बीआरपी-सीआरपी विधानसभा के समक्ष धरना देंगे. इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की जायेगी.
महासंघ की मुख्य मांगों में बीआरपी-सीअारपी के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट जारी करना, देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी बीआरपी-सीआरपी को वेतनमान देना, इपीएफ कटौती, ग्रुप बीमा व परियोजना कर्मियों की तरह अन्य सुविधाएं देना शामिल है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें