रांची : विशिष्ट सेवा मेडल मिला था थड़पखना हाउस के ले कर्नल प्रशांत राय को

1971 के युद्ध में दिया था अहम योगदान रांची : 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में थड़पखना हाउस के लेफ्टिनेंट कर्नल प्रशांत कुमार राय ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. प्रशांत कुमार राय बाद में ब्रिगेडियर के पद से सेवानिवृत्त हुए. युद्ध में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल दिया गया था. प्रशांत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2018 10:17 AM
1971 के युद्ध में दिया था अहम योगदान
रांची : 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में थड़पखना हाउस के लेफ्टिनेंट कर्नल प्रशांत कुमार राय ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. प्रशांत कुमार राय बाद में ब्रिगेडियर के पद से सेवानिवृत्त हुए. युद्ध में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल दिया गया था. प्रशांत कुमार राय सेना में मेडिकल कोर के अफसर थे. उन्होंने 1962 और 1965 की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था. 1965 की लड़ाई में सीमा पर तैनात थे. अपनी टुकड़ी के साथ वह लाहौर तक चले गये थे.
प्रशांत राय के परिवार के सदस्य आज भी रांची में रहते हैं. उनकी एक बेटी अपोलो अस्पताल में कार्यरत हैं. कर्नल राय का पालन-पोषण उनके अधिवक्ता चाचा संतोष कुमार राय के घर हुआ था. जब वे दो साल के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था.
प्रशांत राय ने करीब 35 साल सेना में अपनी सेवा दी थी. राधा गोविंद एकेडमी बांग्ला स्कूल से शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने कोलकाता से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. एमबीबीएस करने के बाद वह सेना में चले गये. वह मोहन बागान के लिए फुटबॉल भी खेलते थे. कोलकाता साउथ क्लब से लॉन टेनिस भी खेलते थे. 1984 में वे चेन्नई से ब्रिगेडियर के पद से रिटायर हुए थे.
प्रशांत राय के पिता ने गांधी जी को अपनी गाड़ी से घुमाया था : प्रशांत कुमार राय के पिता भी आजादी के लिए हुए आंदोलन के समर्थक थे. 1923 में गांधी जी के रांची दौरे के क्रम में उन्होंने अपनी गाड़ी दी थी. अपनी मैक्सवेल गाड़ी से ही गांधी जी को घुमाया था. प्रशांत कुमार राय के चचेरे भाई सीएमपीडीआइ के रिटायर अधिकारी संतोष कुमार राय बताते हैं कि उनका पूरा परिवार आजादी से पहले और बाद भी देश कि लिए जीता रहा. भाई प्रशांत को कई सम्मान मिला.

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