रांची : राज्य की 6.8 लाख किशोरियों-युवतियों को मिलेगा पढ़ने-बढ़ने का अवसर

रांची : राज्य में 14 से 24 वर्ष की वैसी किशोरी या युवतियां, जिन्होंने किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी हो, उन्हें आगे पढ़ने व बढ़ने के अवसर मिलेंगे. वह भी अपने आसपास ही. इसके लिए महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा (समाज कल्याण) विभाग विश्व बैंक के सहयोग से वित्तीय वर्ष 2017-18 से तेजस्विनी योजना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2018 12:52 AM
रांची : राज्य में 14 से 24 वर्ष की वैसी किशोरी या युवतियां, जिन्होंने किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी हो, उन्हें आगे पढ़ने व बढ़ने के अवसर मिलेंगे. वह भी अपने आसपास ही. इसके लिए महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा (समाज कल्याण) विभाग विश्व बैंक के सहयोग से वित्तीय वर्ष 2017-18 से तेजस्विनी योजना का संचालन कर रहा है.
राज्य भर की कुल 6.8 लाख किशोरियों व युवतियों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य है. वहीं, अब तक करीब 45 हजार का निबंधन करा कर इनमें से 15149 को तेजस्विनी क्लब से जोड़ा गया है. पहले चरण वाले दुमका व रामगढ़ जिले में क्रमश: 353 व 223 तेजस्विनी क्लब का गठन किया गया है.
यहां उन्हें जीवन कौशल संबंधी शिक्षा सहित माध्यमिक स्तर (आठवीं-दसवीं) की शिक्षा पूर्ण करा कर बाजार की मांग के अनुरूप कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा.
जीवन कौशल के तहत अपनी सुरक्षा, विषम परिस्थितियों से लड़ना, स्वास्थ्य व पोषण तथा वित्तीय प्रबंधन सहित सरकारी योजनाअों की जानकारी भी उन्हें मिलेगी. अाठ क्लब को मिला कर एक तेजस्विनी केंद्र बनेगा, जहां इंटरनेट युक्त कंप्यूटर, लघु पुस्तकालय, खेल व मनोरंजन सामग्री उपलब्ध होगी.
पढ़ाई या प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरी करने पर लाभुक किशोरियों व युवतियों को सरकार तीन किस्तों में 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में देगी. इसके बाद उन्हें रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा. क्लब को अलग से धनराशि मिलेगी. कुल 17 जिलों में यह योजना चलायी जानी है.
विभिन्न जिलों में तीन चरणों में चलेगी योजना
पहला चरण : रामगढ़, दुमका, खूंटी व चतरा. दूसरा चरण : देवघर, बोकारो, धनबाद, पलामू व गोड्डा. तीसरा चरण : लातेहार, कोडरमा, जामताड़ा, लोहरदगा, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा, पाकुड़ व पूर्वी सिंहभूम.
पांच वर्षों तक योजना संचालन की कुल लागत
540 करोड़ रुपये (विश्व बैंक से ऋण 378 करोड़ तथा राज्य का अंशदान 162 करोड़).

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