आगमन का पुण्यकाल-19 : जीवन की प्राथमिकताएं तय करें
फादर अशोक कुजूर पिछले साल हुई कुछ घटनाओं ने हमें कुछ देर ठहरने और विचार करने पर मजबूर किया है कि हम किस दिशा में बढ़ रहे है़ं एक व्यक्ति जिसका लगभग 12,000 करोड़ रुपये का कारोबार था, उसके अपने बेटे ने ही उसे घर से बेदखल कर दिया़ एक करोड़पति महिला की मृत्यु अपने […]
फादर अशोक कुजूर
पिछले साल हुई कुछ घटनाओं ने हमें कुछ देर ठहरने और विचार करने पर मजबूर किया है कि हम किस दिशा में बढ़ रहे है़ं एक व्यक्ति जिसका लगभग 12,000 करोड़ रुपये का कारोबार था, उसके अपने बेटे ने ही उसे घर से बेदखल कर दिया़
एक करोड़पति महिला की मृत्यु अपने पॉश महल में हो गयी और उसकी लाश एक साल बाद मिली. उसके इकलौते बेटे ने लंबे समय से अपनी मां की खोज- पड़ताल तक नहीं की थी़ रॉबिन विलियम्स, हॉलीवुड के मशहूर हास्य अभिनेता ने अपने जीवन से तंग आकर आत्महत्या कर ली़ ये सारी त्रासदियां हमें कुछ सबक दे जाती है़ं
इस जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है. कल, कब, कहां, किसे क्या हो जाये, कोई नहीं जानता़ इसलिए जीवन की प्राथमिकताएं तय करना जरूरी है़ जीने के लिए पैसा जरूरी है, लेकिन पैसा कमाने के लिए रिश्ते, स्वास्थ्य, मनोरंजन आदि को यदि ताक पर रखते हैं, तो हम गाड़ी को बैलों के आगे रखने की कोशिश कर रहे है़ं इसलिए पैसा अनुभव खरीदने में खर्च करें, वस्तुएं खरीदने में नही़ं लेखक डॉन बॉस्को यूथ एंड एजुकेशनल सर्विसेज बरियातू के निदेशक हैं.