इधर सरकार अपने स्टैंड पर कायम
रांची : राज्य के स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा है कि पारा शिक्षकों की मांग को लेकर सरकार अपने स्टैंड पर कायम है. आंदोलन शुरू होने के पूर्व भी पारा शिक्षकों की वैसी मांगें, जो पूरी करने लायक थीं, उसे मान ली गयीं.
मानदेय में बढ़ोतरी, कल्याण कोष के गठन से लेकर अन्य मांगें पूरी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी. इसके बाद भी पारा शिक्षक हड़ताल पर चले गये. उन्होंने कहा कि जहां तक छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान देने की बात है, तो झारखंड में पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया छत्तीसगढ़ से अलग है.
छत्तीसगढ़ में परीक्षा लेकर पारा शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर से लेकर सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ की तरह वेतनमान देने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया भी उसी प्रकार की होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड में पारा शिक्षकों के लिए प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में 50 फीसदी सीट आरक्षित की गयी है. वर्ष 2015 में पारा शिक्षकों के साथ जो वार्ता हुई थी, उससे आगे बढ़ कर सरकार ने उनके लिए कार्य किया है. छात्र हित सरकार की प्राथमिकता है. पारा शिक्षकों को भी हठधर्मिता छोड़ कर विद्यालय वापस आना चाहिए.
दस हजार पारा शिक्षक काम पर लौटे
शिक्षा सचिव ने कहा कि लगभग दस हजार पारा शिक्षक हड़ताल से लौट गये हैं. 50 हजार पारा शिक्षक अब भी हड़ताल पर हैं. हड़ताली पारा शिक्षकों के बदले घंटी अाधारित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. पर हड़ताल से निबटने के लिए स्थायी व्यवस्था भी जल्द की जायेगी.
जब तक मांग पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा : एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पारा शिक्षकों को वेतनमान नहीं दिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा. पारा शिक्षक आनेवाले दिनों में अपने आंदोलन को और तेज करेंगे. 24 दिसंबर से विधायक आवास के समक्ष भूख हड़ताल करेंगे. मांग पूरी नहीं होने पर पारा शिक्षक दिल्ली में जंतर-मंतर के समक्ष भी धरना देंगे.