रांची : टाना भगतों की मूलभूत जरूरतों पर फोकस करें जिलों के अफसर
रांची : मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि टाना भगत विकास प्राधिकार का उद्देश्य टाना भगतों को स्वावलंबी बनाना है. टाना भगत विकास प्राधिकार की बैठक करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि टाना भगतों की जमीन से जुड़ी वर्षों पुरानी समस्या का समाधान करने के बाद सरकार अब उनके घर, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, […]
रांची : मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि टाना भगत विकास प्राधिकार का उद्देश्य टाना भगतों को स्वावलंबी बनाना है. टाना भगत विकास प्राधिकार की बैठक करते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा कि टाना भगतों की जमीन से जुड़ी वर्षों पुरानी समस्या का समाधान करने के बाद सरकार अब उनके घर, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी आदि मूलभूत जरूरतों पर फोकस कर रही है.
सरकार ने टाना भगतों की पूरी जमीन लगान मुक्त कर दी है. लगान रसीद पर नि:शुल्क लगान अंकित रहेगा. इसके लिए ऑनलाइन लगान साॅफ्टवेयर संशोधित किया गया है.
पूर्व में टाना भगतों के लिए 10 एकड़ भूमि तक एक रुपये का टोकन लगान निर्धारित था. मुख्य सचिव ने टाना भगतों के कुल परिवारों और जनसंख्या को रिकाॅर्ड में लाने का निर्देश दिया. कहा कि टाना भगतों की जिलावार सूची की जांच करा कर राजस्व विभाग को भेजी जाये.
उपायुक्तों को उपलब्ध करायें सूची
मुख्य सचिव ने उत्तराधिकार के आधार पर टाना भगतों की जमीन की दाखिल-खारिज कैंप लगा मामलों के शीघ्र निष्पादन का निर्देश दिया. इसके लिए उन्होंने टाना भगतों को सूची संबंधित जिले के उपायुक्तों को उपलब्ध करने को कहा.
टाना भगतों को बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत दो की जगह तीन कमरे बनाने की अनुमति देने का फैसला किया गया है. अतिरिक्त कमरे के निर्माण के लिए प्रति कमरा 70 हजार की राशि आवंटित की जा चुकी है.
641 टाना भगत परिवारों को नि:शुल्क चार दुधारू गाय देने और गायों के लिए शेड निर्माण की राशि विमुक्त की जा चुकी है. लाभुकों को गो पालन के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
टाना भगतों को अपनी पसंद की नस्ल की गाय खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्य सचिव ने झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को सरकार के खर्च पर अध्ययनरत टाना भगत विद्यार्थियों के प्लेसमेंट की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया. साथ ही दसवीं से कम पढ़े टाना भगतों की स्क्रीनिंग कर कौशल विकास मिशन द्वारा शीघ्र प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की जरूरत बतायी.
बैठक में टाना भगत महिलाओं को चरखा का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया. तय किया गया कि इसके लिए खादी बोर्ड से समन्वय बनाया जाये. बैठक में टाना भगतों को अतिरिक्त विभागीय योजनाओं के तहत खाद, बीज, सिंचाई, कुंआ, तालाब निर्माण जैसे अन्य लाभ देने पर भी बातें हुईं.