रांची : कर्मचारियों की प्रोत्साहन राशि से हिस्सा मांगने का मामला, दो दिनों में जांच कर रिपोर्ट देगी कमेटी

रांची : सदर अस्पताल, रांची के लेबर रूम के कर्मचारियों की प्रोत्साहन राशि से हिस्सा मांगने के मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गयी है. इसमें तीन चिकित्सकों डॉ विनोद कुमार, डॉ नरेश भगत और डॉ विमलेश सिंह को रखा गया है. एनएचएम के अभियान निदेशक (एमडी) कृपानंद झा ने कमेटी के गठन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2018 12:39 AM
रांची : सदर अस्पताल, रांची के लेबर रूम के कर्मचारियों की प्रोत्साहन राशि से हिस्सा मांगने के मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गयी है. इसमें तीन चिकित्सकों डॉ विनोद कुमार, डॉ नरेश भगत और डॉ विमलेश सिंह को रखा गया है.
एनएचएम के अभियान निदेशक (एमडी) कृपानंद झा ने कमेटी के गठन संबंधी कार्यालय अादेश निकाला है. इसमें कहा गया है कि कमेटी दो दिनों में मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी.
इससे पहले आरसीएच प्रभारी की ओर से सिविल सर्जन, रांची को मामले की जांच कर दो दिनों में सूचित करने को कहा गया था. लेकिन, सिविल सर्जन की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. यही नहीं शिकायत यह भी मिली है कि सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत कुछ लोगों ने संबंधित पत्र को गंभीरता से न लेने की बात भी कही है.
गौरतलब है कि सदर अस्पताल के लेबर रूम में कार्यरत नर्सों व अन्य ने उनसे हिस्सा मांगे जाने तथा इसकी शिकायत करने पर वरीय अधिकारी द्वारा धमकाने का आरोप लगाया है.
अस्पताल प्रबंधक अंतरा झा, लेबर रूम प्रभारी माधुरी तथा मेट्रॉन तेरेसा अंथोनी पर यह अारोप लगाते हुए लेबर रूम कर्मियों ने इसकी लिखित शिकायत सिविल सर्जन, एमडी व सचिव से की है. वहीं उन्होंने बाद में सभी अधिकारियों से मिल कर उन्हें धमकाये जाने की भी जानकारी दी है.
कमीशन नहीं, तो इंसेटिव नहीं
सिविल सर्जन कार्यालय, रांची राज्य भर का अकेला कार्यालय है, जिसने प्रोत्साहन राशि (इंसेटिव) बांटने में भरपूर कोताही की है. अारोप है कि कमीशन व हिस्सा के चक्कर में राशि रोक कर रखी गयी है. जबकि, इसका वितरण हर माह होना है.
रांची जिले को सिजेरियन अॉपरेशन के लिए मिले डेढ़ करोड़ रुपये में से सिर्फ 50 लाख रुपये बंटे हैं. वहीं स्वास्थ्य उपकेंद्र, पीएचसी व सीएचसी लेबल पर एएनएम को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि भी गत तीन वर्षों से नहीं दी गयी है. इस मद में रांची जिले में 12 लाख रुपये अलग से पड़ा है.
क्या है मामला
दरअसल, मातृ व शिशु मृत्यु दर घटाने के लिए सरकार सांस्थिक प्रसव तथा डिलिवरी के लिए सिजेरियन अॉपरेशन (सी-सेक्शन) को बढ़ावा देना चाहती है. जिला (सदर) अस्पतालों सहित सब डिवीजनल अस्पताल व सीएचसी में सी-सेक्शन करनेवालों को उपलब्धि के आधार पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान इसी के मद्देनजर किया गया है.

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