रांची : महागठबंधन का स्वरूप तय होता तो नहीं होती दुविधा : हेमंत सोरेन

रांची : झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कोलेबिरा उप चुनाव में कांग्रेस की जीत पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का अभी औपचारिक स्वरूप तैयार नहीं हुआ है. महागठबंधन के स्वरूप को यदि समय रहते अंतिम स्वरूप दे दिया जाता, तो किसी प्रकार की दुविधा नहीं रहती.श्री सोरेन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2018 9:04 AM
रांची : झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कोलेबिरा उप चुनाव में कांग्रेस की जीत पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का अभी औपचारिक स्वरूप तैयार नहीं हुआ है. महागठबंधन के स्वरूप को यदि समय रहते अंतिम स्वरूप दे दिया जाता, तो किसी प्रकार की दुविधा नहीं रहती.श्री सोरेन रविवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के स्वरूप को अंतिम रूप नहीं देने के कारण इसका दायरा बढ़ाने के लिए ही झामुमो और राजद ने झापा को समर्थन दिया.
महागठबंधन के संभावित दलों के बीच न कोई विरोधाभास है और न ही द्वंद. झामुमो, कांग्रेस व राजद सहित सभी वामदलों और झारखंड नामधारी दलों को महागठबंधन में शामिल करने का हिमायती रहा है. झामुमो सभी समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ लेकर झारखंड विरोधी और चुनिंदा व्यावसायिक घरानों की हिमायती भाजपा सरकार को इस राज्य में उखाड़ फेंकने को लेकर कृतसंकल्पित है. महागठबंधन में राष्ट्रीय दलों की भूमिका अहम होती है. क्षेत्रीय दल उनके साथ मजबूती से खड़ा रहते हैं. महागठबंधन को लेकर बंद कमरे में कई दौर की बातचीत भी हुई है, लेकिन अब तक उसका कोई स्वरूप तैयार नहीं हो पाया है.
उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द महागठबंधन का स्वरूप तय होना चाहिए, ताकि समान विचारधारा वाले दलों के वोट का बिखराव नहीं हो. महागठबंधन की डेडलाइन तय करने को लेकर पार्टी स्तर पर चर्चा की जायेगी. झामुमो का संगठन पूरे राज्य में है. पार्टी के कार्यकर्ता सभी 81 विधानसभा में सक्रिय हैं.
शिबू सोरेन का आदेश राजनीतिक नफा नुकसान से ऊपर : हेमंत ने कहा कि झामुमो ने इस चुनाव में झारखंड पार्टी को समर्थन दिया था.
झामुमो अध्यक्ष व झारखंड निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता शिबू सोरेन द्वारा झापा प्रत्याशी को आशीर्वाद देने के कारण झामुमो ने इसे समर्थन देने की घोषणा की. पार्टी के लिए शिबू सोरेन का आदेश राजनीतिक नफा नुकसान से ऊपर है. झारखंड नवनिर्माण के आंदोलन में झापा के एनइ होरो के योगदान को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष ने मेनन एक्का का समर्थन किया था.

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