रांची : मातृभूमि व मातृभाषा की सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा : जस्टिस पाठक
झारखंड मैथिली मंच के मिथिला पंचांग का लोकार्पण रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जज न्यायमूर्ति एस एन पाठक ने कहा है कि मातृभूमि, माता-पिता व मातृभाषा के उपकार को कभी नहीं चुकाया जा सकता. मातृभूमि, माता-पिता व मातृभाषा की सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा है. मातृभाषा की सेवा में लगी संस्था धन्यवाद के पात्र हैं. उक्त बातें […]
झारखंड मैथिली मंच के मिथिला पंचांग का लोकार्पण
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जज न्यायमूर्ति एस एन पाठक ने कहा है कि मातृभूमि, माता-पिता व मातृभाषा के उपकार को कभी नहीं चुकाया जा सकता. मातृभूमि, माता-पिता व मातृभाषा की सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा है. मातृभाषा की सेवा में लगी संस्था धन्यवाद के पात्र हैं. उक्त बातें न्यायमूर्ति एस एन पाठक ने रविवार को विद्यापति दालान हरमू में आयोजित झारखंड मैथिली मंच के मिथिला पंचांग के लोकार्पण समारोह में कही.
न्यायमूर्ति पाठक ने कहा कि मैथिली एक समृद्ध भाषा है. अपनी संस्कृति को बचाना हम सब का कर्तव्य है. रांची नगर निगम के उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि मिथिला पंचांग लोगों के लिए काफी उपयोगी है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड में मैथिली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है. कार्यक्रम की शुरुआत भगवती वंदना से हुई. अतिथियों का स्वागत मिथिला का पारंपरिक परिधान पाग, दोपटा एवं मिथिला पेंटिंग देकर किया गया. अतिथियों का स्वागत मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार झा व धन्यवाद ज्ञापन जयंत झा ने किया. संचालन भारतेंदु झा ने किया. कार्यक्रम में सुबोध चौधरी, काशीनाथ झा, दूरदर्शन के पूर्व निदेशक प्रमोद कुमार झा, क्रेडाई के अध्यक्ष कुमुद झा, एसके झा, वेदानंद झा, अभय कुमार झा, प्रेमचंद झा, ब्रजकिशोर झा, संतोष मिश्रा, विनय झा, नरेश झा, गंगेश मिश्रा, संतोष झा आदि उपस्थित थे.
कार्यक्रम के दूसरे चरण में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ. इसमें मैथिली व हिंदी कविता का पाठ किया गया. कवि आत्मेश्वर झा, इंद्रा नारायण झा, राम विनोद पाठक, सदानंद सिंह यादव, विनोद कुमार झा, कुमार ब्रजेंद्र प्रशांत कर्ण ने काव्य पाठ किया. संचालन अमरनाथ झा ने किया.
पंचांग में अटल बिहारी वाजपेयी व ललित नारायण मिश्रा की भी तस्वीर : पंचांग सह कैलेंडर में बाबा विद्यापति का चित्र पहले पृष्ठ पर है. इसके अलावा कैलेंडर में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मिथिला विभूति ललित नारायण मिश्रा की तस्वीर अलग-अलग पन्नों पर है. कैलेंडर में मिथिला पेंटिंग व अन्य कार्यक्रमों को भी दर्शाया गया है.