रांची : तेज रफ्तार के कारण प्रदेश में सबसे ज्यादा युवा काल के गाल में समा रहे हैं़ आंकड़ों पर गौर करें, तो जनवरी से सितंबर तक नौ माह में 2192 हादसे हुए हैं. इनमें 1481 लोगों की मौत हुई है. मरनेवालों में 25 से 35 साल के 365 लोग शामिल हैं. घायलों में भी इसी वर्ग के 358 लोग शामिल हैं. हादसों में 35 से 45 वर्ष वाले 190 लोगों की भी जान गयी है. जबकि 196 लोग घायल हुए हैं. हादसों में मरने वाले अज्ञात लोगों की भी तादाद अच्छी है. जनवरी से सितंबर तक नौ माह में 211 ऐसे लोगों का पता पुलिस नहीं लगा पायी, जो हादसों के शिकार हुए.
उम्र का असर हादसों पर भी : आंकड़े बताते हैं कि 45 से 60 वर्ष की उम्र वाले लोग सड़क हादसों में युवाओं की तुलना में कम शिकार होते हैं. इस उम्र के करीब 98 चालक और अन्य 92 लोगों की जान गयी है. जबकि 69 चालक और 127 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इससे साफ है कि उम्र बढ़ने पर लोग वाहनों का परिचालन संयमित रूप से करते हैं.
कार्रवाई के बाद भी असर नहीं : जनवरी से सितंबर तक 892 चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया गया. ओवरलोड के कारण 1272 का लाइसेंस निलंबित किया गया. जबकि 878 का लाइसेंस नशे के कारण रद्द हुआ. वहीं 1262 लोगों का लाइसेंस मोबाइल पर बात करने के कारण रद्द किया गया.
211 अज्ञात मौतों का नहीं चल सका पता
उम्र चालक मरे अन्य मौतें
18 वर्ष 133 168
18-25 302 312
25-35 365 358
35-45 243 288
45-60 190 196
60 प्लस 54 46