रांची : पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी पारा शिक्षकों ने आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने काम पर लौटने की सीएम की अपील भी ठुकरा दी है. मोर्चा ने कहा है कि शिक्षकों की मांग वेतनमान की है, जबकि मुख्यमंत्री की ओर से मानदेय बढ़ोतरी को लेकर कमेटी के गठन की बात कही गयी है.
पारा शिक्षक मानदेय बढ़ोतरी नहीं, बल्कि वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं. मोर्चा के संजय दूबे व हृषिकेश पाठक ने कहा है कि पारा शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के बदले सरकार फिर से एक कमेटी गठित कर इसे लटकाना चाहती है. दाेनाें ने कहा कि बिना वेतनमान हड़ताल समाप्त नहीं होगी. पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर पूर्व में भी कमेटी गठित की गयी थी, पर उससे कुछ नहीं हुआ.
पारा शिक्षकों की बात नहीं सुनी गयी : मोर्चा ने कहा कि बिना पारा शिक्षकों की बात सुने कमेटी का गठन कर दिया गया था. इसमें पारा शिक्षकों के एक भी प्रतिनिधि को नहीं रखा गया. पारा शिक्षक कमेटी और उसकी रिपोर्ट के लिए आंदोलन नहीं कर रहे हैं. पारा शिक्षकों को वेतनमान चाहिए. पारा शिक्षक छत्तीसगढ़ की तर्ज में 5200 से 20 हजार रुपये वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं. मोर्चा का कहना है कि वेतनमान लागू होने तक सरकार 18 हजार, 20 हजार व 22 हजार रुपये मानदेय दे.
प्रधानमंत्री का नहीं करेंगे विरोध
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा कि पारा शिक्षक प्रधानमंत्री का विरोध नहीं करेंगे. बुधवार को राज्य कार्यकारिणी की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. मांग पूरी होने तक पारा शिक्षकों की हड़ताल जारी रहेगी.
16 नवंबर से हड़ताल पर हैं पारा शिक्षक
राज्य के पारा शिक्षक अपनी मांगों लेकर 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल से राज्य के लगभग दस हजार स्कूलों में पठन-पाठन बाधित है. हड़ताल समाप्त कराने को लेकर सरकार की ओर से अब तक जो प्रयास किये गये हैं, वह विफल रहा है.