रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने सीएम को लिखा पत्र, कहा – मुख्यमंत्री जी, आपके पास किसानों के बोनस की फाइल कई दिनों से लंबित है
रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर उनका ध्यान किसानों की धान बिक्री के बोनस पर दिलाया है. श्री राय ने लिखा है कि इस विषय से संबंधित संचिका विगत कई दिनों से आपके पास पड़ी हुई है. कैलेंडर वर्ष 2018 का अंतिम दिन बीतने और सरकारी […]
रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर उनका ध्यान किसानों की धान बिक्री के बोनस पर दिलाया है.
श्री राय ने लिखा है कि इस विषय से संबंधित संचिका विगत कई दिनों से आपके पास पड़ी हुई है. कैलेंडर वर्ष 2018 का अंतिम दिन बीतने और सरकारी धान क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू होने के एक माह बाद भी संचिका का निष्पादन नहीं हुआ है. इससे धान बेचने के इच्छुक किसानों के बीच निराशा है.
श्री राय ने कहा कि इसके पूर्व वर्ष 2016-17 और 2017-18 में क्रमशः 130 रुपये प्रति क्विंटल और 150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों को बोनस का भुगतान हुआ है.
एक तरह से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को प्रोत्साहन बोनस देने की योजना नयी नहीं है, फिर भी अधोहस्ताक्षरी (श्री राय) को उचित प्रतीत हुआ कि योजना एवं वित्त विभाग तथा योजना प्राधिकृत समिति के माध्यम से इस पर इस विभाग के मंत्री के नाते आपकी सहमति प्राप्त कर ली जाये.
योजना मंत्री के नाते आपकी सहमति अभी तक लंबित है
आपको स्मरण होगा कि मंत्रिपरिषद की एक बैठक में भी यह विषय अधोहस्ताक्षरी द्वारा अनौपचारिक तरीके से रखा भी गया था. तब किसानों को प्रोत्साहन बोनस देने के बारे में किसी भी मंत्री की असहमति नहीं थी.
तदुपरांत अधोहस्ताक्षरी की पहल पर विभाग द्वारा एक औपचारिक प्रस्ताव अग्रसारित किया गया. पर योजना मंत्री के नाते इस पर आपकी सहमति अभी तक लंबित है.
वहीं, गत सप्ताह मुझे यह सूचना मिली कि दो सप्ताह पूर्व हुई कैबिनेट बैठक, जिसमें मैं उपस्थित नहीं हो पाया था, के उपरांत मुख्यमंत्री कक्ष में मंत्रियों के बीच हुई अनौपचारिक चर्चा में मंत्री सीपी सिंह ने धान क्रय पर प्रोत्साहन बोनस देने के विषय पर अपनी असहमति व्यक्त की है.
इससे बेहतर तो बोनस नहीं देना है
सूचना मिलते ही मैैंने सीपी सिंह से संपर्क किया, तो उन्होंने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया और बताया कि वस्तुतः 200 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की जगह मुख्यमंत्री का विचार मात्र 50 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का आया, तो उन्होंने कहा था कि इससे बेहतर तो बोनस नहीं देना है.
मैं भी सीपी सिंह की इस प्रतिक्रिया से सहमत हूं. यदि मुख्यमंत्री को राज्य के किसानों को धान बिक्री पर 200 रुपये प्रति क्विंटल का प्रोत्साहन बोनस देना ज्यादा प्रतीत हो रहा है, तो वे विगत दो वर्षों के दौरान किसानों को धान खरीद पर दिये गये बोनस को आधार मान कर एक सम्मान जनक राशि की स्वीकृति प्रदान कर अनिश्चितता की इस स्थिति का पटाक्षेप कर सकते हैं.