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रांची : बैंक, बीमा, डाकघर में ठप रहा काम, कोल कंपनियों में मिलाजुला असर, जुलूस निकाल कर किया प्रदर्शन

मजदूर संगठनों के आह्वान पर 12 सूत्री मांगों को लेकर दो दिनी आम हड़ताल शुरू राजमहल और चित्रा एरिया में करीब 68 कर्मी गिरफ्तार अलबर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया, सरकार की नीितयों का किया िवरोध हड़ताल से कोयला कंपनियों का उत्पादन और डिस्पैच बंद रहा रांची : कोयला श्रमिक संगठनों के आह्वान पर आयोजित […]

मजदूर संगठनों के आह्वान पर 12 सूत्री मांगों को लेकर दो दिनी आम हड़ताल शुरू
राजमहल और चित्रा एरिया में करीब 68 कर्मी गिरफ्तार
अलबर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया, सरकार की नीितयों का किया िवरोध
हड़ताल से कोयला कंपनियों का उत्पादन और डिस्पैच बंद रहा
रांची : कोयला श्रमिक संगठनों के आह्वान पर आयोजित दो दिनी आम हड़ताल मंगलवार को शुरू हुई. झारखंड में बैंक, डाक, बीमा सेक्टर पर हड़ताल का व्यापक असर पड़ा. वहीं कोयला, एचइसी व सरकारी संस्थानों में मिलाजुला असर देखा गया. 12 सूत्री मांगों को लेकर मजदूर संगठनों ने हड़ताल की घोषणा की थी, जो पूरे देश में हो रही है. हड़ताल के समर्थन में कई संस्थानों के सामने धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया.
जुलूस निकाल कर सरकार की नीतियों का विरोध किया गया. हड़ताल में सीटू और एटक के समर्थन वाले यूनियन कई स्थानों पर नजर आये. राजधानी में निर्माण मजदूरों, सेल्स प्रोमोशन इम्प्लाइज, बैंक व बीमा कर्मियों ने जुलूस निकाल कर अलबर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया.
श्रमिकों के सामान्य मुद्दों को लेकर काेयला मजदूरों ने दिया साथ : सीटू से संबद्ध एनसीओइए के राज्य सचिव आरपी सिंह के अनुसार कोयला क्षेत्र में मजदूरों ने हड़ताल को समर्थन किया. कई इलाकों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा. राजमहल और चित्रा एरिया में करीब 68 कर्मियों को गिरफ्तार भी किया गया.
सीसीएल के अरगड्डा, हजारीबाग, कुजू आदि इलाकों में उत्पादन पर व्यापक असर रहा. मुख्यालय में मिलाजुला असर रहा. एटक से संबंध कोयला मजदूर यूनियन के अशोक यादव ने कहा कि सीएमपीडीआइ के सभी एरिया में हड़ताल का व्यापक असर रहा. पहली बार कोयला मजदूरों ने अपने लिए नहीं बल्कि श्रमिकों के सामान्य मुद्दों को लेकर साथ दिया. आनेवाले दिनों में इसका व्यापक असर दिखेगा. सीएमपीडीआइ प्रबंधन ने कहा कि पहले शिफ्ट में 2041 कर्मियों में 588 और दूसरे शिफ्ट में 336 में 174 कर्मी हड़ताल पर रहे.
जिलों के सरकारी कर्मचारी भी रहे हड़ताल पर : नयी पेंशन योजना को समाप्त करने एवं सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर मंगलवार को राज्य के अधिकांश जिलों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे.
अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रीय अभियान समिति के बैनर तले आंदोलन किया गया. इस आंदोलन में समाहरणालय, वन विभाग, सर्वे, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, स्वास्थ्य, झालको व पशुपालन विभाग के सभी कर्मचारी शामिल हुए. कर्मचारी जुलूस की शक्ल में सर्वे मैदान से निकले. समाहरणालय के पास सभा का आयोजन किया गया. सभा की अध्यक्षता राज्याध्यक्ष नवीन चौधरी ने की.
सभा में रामाधार शर्मा, जसीम अख्तर, अंजनी कांत झा, घनश्याम रवानी, पलटन राम, पूरन चंद्र सिंह मुंडा, हेमंत कुमार व प्रभात कुमार ने अपनी बातें रखीं. पदाधिकारियों ने कहा कि दैनिक वेतनभोगी, अनुबंध, मानदेय, आउसोर्सिंग पर नियोजन की व्यवस्था समाप्त करते हुए नियमित नियोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने व अब तक इस तरह के कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमित करने की कार्रवाई की जाये.
सीसीएल में हाजिरी बनाकर काम किया
सीसीएल में हड़ताल में शामिल होने का दावा करने वाले कई मजदूर संगठनों के नेताओं ने हाजिरी बनाकर कामकाज किया. मजदूर नेताओं ने बातचीत में स्वीकार किया कि एक दिन की हड़ताल से प्रतिदिन करीब तीन हजार रुपये का नुकसान है. कुछ मजदूर संगठनों के नेताओं ने मुख्य गेट के सामने आने-जाने वालों का विरोध किया.
मजदूर यूनियनों का दावा
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने दावा किया कि दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन झारखंड में व्यापक असर रहा. मजदूर कम से कम 18000 रुपये मासिक, तीन हजार रुपये मासिक पेंशन, महंगाई पर रोक लगाने, असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने सहित अन्य मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. कर्मी सामान काम के लिए सामान वेतन देने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण व विनिवेशीकरण पर रोक लगाने, श्रम कानूनों में मालिक पक्षीय बदलाव रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
हड़ताल की वजह से कोयला कंपनियों का उत्पादन और डिस्पैच बंद रहा. सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर, गम्हारिया, कांडरा के औद्योगिक क्षेत्रों सहित पूर्वी सिंहभूम के दालभूमगढ़ तथा चाकुलिया स्थित तांबा खदानों में पूर्ण हड़ताल रही. प सिंहभूम स्थित किरीबुरू, मेघाहातूबुरू और चिड़िया के लौह अयस्क खदानों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा.
एसबीआइ में हुआ काम, बैंकों के खुले रहे एटीएम
इधर एसबीआइ और निजी बैंकों की शाखाएं खुली रहने से लोगों को राहत मिली. एटीएम भी खुले रहे. हालांकि जिस एटीएम में पैसे खत्म हो रहे थे, उसमें पैसे नहीं डाले जा सके. बेफी के एमएल सिंह ने कहा कि विजया बैंक, देना बैंक एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय के प्रस्ताव का विरोध करते हैं.
इंश्योरेंस कर्मियों ने कार्यालय के सामने जम कर प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के संयुक्त सचिव दिनेश कुमार सिंह व राजू उरांव ने कहा कि हड़ताल का साफ असर है. सभी कार्यालय बंद रहे. प्रदर्शन में सुजीत मजूमदार, मोतीलाल पवार, विजय पाल आदि शामिल हुए. एक अनुमान के अनुसार झारखंड में अकेले एलआइसी में 35 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ. जबकि साधारण बीमा को मिला दें, तो लगभग कुल 70 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ.
डाक विभाग में सभी काम ठप रहे
डाक विभाग में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, मनीऑर्डर आदि का वितरण नहीं हुआ. हड़ताल में विभाग के जीडीएस सहित लगभग 14,000 कर्मी शामिल हुए. प्रमंडलीय सचिव गौतम विश्वास, पोस्टल, आरएमएस पेंशनर्स एसोसिएशन के राज्य सचिव एमजेड खान ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन डाकघरों में कोई काम नहीं हुआ. जीपीओ, प्रधान डाकघर, उप डाकघर सहित शाखा डाकघरों में ताले लटके रहे.

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