झारखंड में 2022 तक 70 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होंगे

घोषणा. जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री जसवंत भाभोर ने कहा 20.9 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास हुआ आवासीय विद्यालयों के बच्चों की सालाना छात्रवृत्ति बढ़ कर 32 हजार रुपये हुई रांची : जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री जसवंत सिंह भाभोर ने कहा कि वर्ष 2022 तक झारखंड में 70 एकलव्य मॉडल आवासीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2019 6:49 AM
घोषणा. जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री जसवंत भाभोर ने कहा
20.9 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास हुआ
आवासीय विद्यालयों के बच्चों की सालाना छात्रवृत्ति बढ़ कर 32 हजार रुपये हुई
रांची : जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री जसवंत सिंह भाभोर ने कहा कि वर्ष 2022 तक झारखंड में 70 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होंगे. यह सारे विद्यालय जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर होंगे. केंद्र सरकार ने इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है. श्री भाभाेर बुधवार को आर्यभट्ट सभागार में आयोजित समेकित जनजाति विकास अभिकरण रांची द्वारा क्रियान्वित विकास योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. इस समारोह में 20.9 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया गया. श्री भाभोर ने कहा कि झारखंड वीरों की धरती है. देश में जनजातीय समाज में काफी बदलाव हुए हैं. झारखंड का विकास तेज गति से हाे रहा है.
उन्होंने झारखंड सरकार द्वारा एक लाख एकड़ भूमि जनजातीय समाज को देने की घोषणा की सराहना की है. इसी वजह से केंद्र सरकार ने वनबंधु कल्याण योजना लागू की है. देश के सभी राज्यों में जनजातीय समाज को आगे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है. इस मौके पर कांके विधायक डॉ जीतू चरण राम व आइटीडीए के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एके पांडेय ने भी अपनी बातें रखीं.
सरकार पर निर्भर न रहें, खुद भी दायित्वों का निर्वहन करें
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जनजातीय, दलित अल्पसंख्यक व पिछड़ी जाति के लोगों के स्तर को ऊपर उठाने का दायित्व केवल सरकार का ही नहीं है. इसके लिये समाज के शिक्षित युवाओं को आगे आना होगा. उन्हें अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा. जिम्मेदारी उठानी होगी़ समाज के बारे में सोचना होगा़ खासकर जिन बच्चों ने स्कूल का मुंह नहीं देखा है, वैसे बच्चों को स्कूल भेजने का काम करें. ताकि, आने वाले समय में शिक्षित समाज का निर्माण हो सके.
इसके अलावा लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करना होगा. राज्यपाल ने कहा कि हमेशा मंशा को साफ रखकर काम करें और सरकार भी सहयोग करे. उन्होंने आइटीडीए(इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी) द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि आइटीडीए सभी विभागों से जुड़ा है. आइटीडीए का अपना इंजीनियर होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि आज भी कई पुराने भवन हैं जो जर्जर अवस्था में है, इन्हें रिनोवेट करने का नियम बनाया जाना चाहिए.
आवासीय विद्यालयों को अपग्रेड करने का प्रयास हो रहा है
कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि आवासीय विद्यालयों को अपग्रेड करने का प्रयास हो रहा है. आवासीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों की सालाना छात्रवृत्ति 14 हजार रुपये से बढ़ाकर 32 हजार रुपये कर दी गयी है. कई विद्यालयों में शिक्षक नहीं थे.
जिस वजह से हमलोगों ने घंटी आधारित शिक्षक को प्रयोग के तौर पर रखा. जो कुछ हद तक सफल हो गया. शिक्षक नियुक्ति नियमावली का प्रस्ताव भेज दिया गया है. जल्द ही स्थायी तौर पर शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी सरकार काफी काम कर रही है. इटकी में नर्सिंग कॉलेज व नवाटोली में मैन्युफैक्चरिंग एंड कैटरिंग संस्थान खोले गये हैं.
कार्यक्रम के तहत राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रांची जिले में 46 योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन भी किया. वहीं, शहीद ग्राम विकास योजना के अंतर्गत चान्हो प्रखंड स्थित सिलागाईं के 25 लाभुकों को पक्का आवास प्रदान किया गया. राज्यपाल ने सांकेतिक तौर पर पांच लाभुकों को आवास प्रदान किया. वहीं, बिरसा आवास योजना में निर्मित आवासों के पांच लाभुकों को भी लाभ प्रदान किया गया. इनमें से बहादुर बिरहोर, दशरथ बिरहोर, वंशी बिरहोर, बड़ी बिरसी देवी व करमी देवी को आवास का कटआउट दिया गया.

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