रांची : मॉरीशस के राजनयिक जगदीश्वर गोवर्धन ने गुरुवार को झारखंड की राजधानी रांची में कहा कि उनका देश दुनिया का इकलौता देश है, जो अपने नागरिकों को मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता है. प्रधानमंत्री ने अब मुफ्त उच्च शिक्षा की भी सौगात दी है. उन्होंने कहा कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों ने यह व्यवस्था बनायी है. उन्होंने कहा कि दुनिया की सेवा कैसे करनी है, यह मॉरीशस से सीखना चाहिए.
इसे भी पढ़ें : Global Skill Summit 2019 : झारखंड ने इतिहास रचा, एक लाख युवाओं को मिला रोजगार
श्री गोवर्धन ने उनके देश में झारखंड के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर के बारे में भी जानकारी दी. ग्लोबल स्किल समिट 2019 को हिंदी में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे अफ्रीका से आये हैं. अफ्रीका और झारखंड की संस्कृति मिलती-जुलती है. भारत के कई राज्यों की संस्कृति को मॉरीशस ने जीवंत रखा है. उत्तम संस्कृति को बचाये रखने के लिए मातृभाषा से जुड़े रहना जरूरी है. इसे कभी छोड़ना नहीं चाहिए.
श्री गोवर्धन ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि दुनिया भर की संस्कृति को अपनाना, लेकिन मातृभाषा को कभी न छोड़ना. मॉरीशस के राजनयिक ने कहा कि उनका (गोवर्धन का) जन्म अफ्रीका में हुआ, लेकिन उनकी पैतृक भूमि उत्तर प्रदेश में है. उन्होंने कहा कि मानव जाति की सेवा कैसे करनी है, यह मॉरीशस से दुनिया को सीखना चाहिए.
इसे भी पढ़ें : 10 साल में झारखंड दुनिया के विकसित राष्ट्रों की बराबरी करेगा : मुख्यमंत्री रघुवर दास
उनके देश में सभी लोगों को मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा सेवा मिलती है. मॉरीशस की सरकार ने अब तय किया है कि लोगों को मुफ्त परिवहन की सुविधा दी जायेगी. भोजपुरिया संस्कृति को मॉरीशस में बिहार-उत्तर प्रदेश के लोगों ने जीवित रखा है.
श्री गोवर्धन ने कहा कि मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ के नेतृत्व में इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की गयी. हमारे देश में शिक्षण संस्थानों में बच्चों और युवाओं को मुफ्त शिक्षा दी जाती है. अब उच्च शिक्षा को भी मुफ्त बनाने की घोषणा कर दी गयी है.
मोदी ने प्रवासियों को दी बड़ी इज्जत
मॉरीशस के राजनयिक ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने हम प्रवासियों को बड़ी इज्जत दी है. हमें भारत का नागरिक बना दिया. आज हमारे पास दो पासपोर्ट हैं. एक मॉरीशस का और दूसरा भारत का. हमारी संस्कृति मानव जाति की सेवा करनी है. हम वसुधैव कुटुंबकम के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं. इसी मूलमंत्र के जरिये भारत विश्व शक्ति बनेगा.
इसे भी पढ़ें : जहां महेंद्र सिंह धौनी रहता है, वही झारखंड की राजधानी है
उन्होंने कहा कि आप सिर्फ भारतीय नहीं हैं. आपको दुनिया की सेवा करनी है. विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस में है. तीन महीने पहले भारत के तीन मंत्री वहां गये थे. हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलाने की पहल मॉरीशस की धरती से हो रही है. यह मॉरीशस के लिए बहुत बड़ा सम्मान है.