रांची : बिना आरक्षण रोस्टर के रांची विवि में नियुक्त हो रहे थर्ड व फोर्थ ग्रेड कर्मी
नियुक्ति के लिए नहीं निकला विज्ञापन, न जमा हुआ आवेदन वर्ष 2018 में अलग-अलग महीनों में एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों की हुई है नियुक्ति दैनिक कर्मी के रूप में नियुक्त यही कर्मचारी बाद में करते हैं स्थायीकरण की मांग रांची : रांची विश्वविद्यालय आये दिन दैनिक वेतनभोगी कर्मी के नाम पर थर्ड-फोर्थ ग्रेड में […]
नियुक्ति के लिए नहीं निकला विज्ञापन, न जमा हुआ आवेदन
वर्ष 2018 में अलग-अलग महीनों में एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों की हुई है नियुक्ति
दैनिक कर्मी के रूप में नियुक्त यही कर्मचारी बाद में करते हैं स्थायीकरण की मांग
रांची : रांची विश्वविद्यालय आये दिन दैनिक वेतनभोगी कर्मी के नाम पर थर्ड-फोर्थ ग्रेड में कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है. कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न तो आवेदन आमंत्रित किया जाता है, न ही आरक्षण रोस्टर का पालन. विश्वविद्यालय में अंतिम बार वर्ष 2008 में विज्ञापन जारी कर विधिवत तरीके से कांट्रैक्ट पर कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी.
विवि में कार्यालय आदेश के तहत नियुक्ति की जा रही है. 2018 में मई, जुलाई, अगस्त, दिसंबर में लगभग एक दर्जन कर्मियों की नियुक्ति की गयी. इनकी नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन लेने की जगह अलग-अलग नियुक्ति आदेश जारी किये गये. सात दिसंबर, 2018 जारी पत्र के आधार पर चार दैनिक कर्मियों की नियुक्ति विवि में की गयी. इसमें तीन तृतीय व एक कर्मी फोर्ड ग्रेड में नियुक्त किये गये.
दैनिक कर्मियों की नियुक्ति बिना किसी तरह की दक्षता परीक्षा के विवि के परीक्षा विभाग में कर दी जा रही है. नियुक्ति में इस बात की प्रारंभिक जांच भी नहीं की जा रही है कि जिस कार्य के लिए कर्मी की नियुक्ति की जा रही है, वह उसके योग्य भी है कि नहीं. बिना किसी प्रक्रिया के नियुक्त कर्मी बाद में स्थायीकरण की मांग करते हैं.
कार्यालय आदेश पर नियुक्त हो रहे हैं दैनिक कर्मी
2018 में नियुक्त दैनिककर्मी
नाम कोटि
कुमार विवेक तिवारी तृतीय वर्ग
सोनम कश्यप तृतीय वर्ग
महेंद्र कुमार पांडेय तृतीय वर्ग
कमलजीत साहनी चतुर्थ वर्ग
मतियस केरकेट्टा चतुर्थ वर्ग
अब्दुलाह तृतीय वर्ग
संजय टोप्पो तृतीय वर्ग
जय प्रकाश भगत चतुर्थ वर्ग
अनिमेश कुमार महतो कंप्यूटर ऑपरेटर
बी मुंडा चतुर्थ वर्ग
नीलम कुमारी तृतीय वर्ग
विश्वविद्यालय में कांट्रैक्ट पर नियुक्ति नहीं की गयी है. कर्मी दैनिक वेतन पर रखे गये हैं. वर्षों से थर्ड व फोर्थ ग्रेड कर्मियों की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है. कर्मचारी लगातार सेवानिवृत्त हो रहे हैं. कामकाज प्रभावित नहीं हो इस कारण न्यूनतम मानदेय पर कर्मचारी रखे गये हैं. दैनिक वेतनभोगी कर्मी की नियुक्ति आवश्यकता अनुरूप की गयी है, इस कारण विज्ञापन जारी नहीं किया गया. इनको कभी भी हटाया जा सकता है.
डॉ रमेश कुमार पांडेय, कुलपति, रांची विवि
सगे-संबंधियों की होती नियुक्ति
विवि में जिन दैनिक वेतनभोगी कर्मी की नियुक्ति की जाती है, उनमें अधिकतर विवि में कार्यरत लोगों के संबंधी हैं. सामान्यतया ये लोग अपने स्तर से नियुक्ति के लिए अावेदन जमा करते हैं. फिर संबंधित विभाग या शाखा द्वारा नियुक्ति का प्रस्ताव बढ़ाया जाता है और उनकी नियुक्ति कर दी जाती है.
नियुक्ति में छात्र संघ भी सक्रिय
दैनिक कर्मी की नियुक्ति में छात्र संघों के नेता भी सक्रिय रहते हैं. ये नेता अपने लोगों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव भी बनाते हैं. कुछ ऐसे नेता वर्तमान में कार्यरत भी हैं. इनकी नियुक्ति की जांच होने पर भी गड़बड़ी सामने आ सकती है.
अस्पताल कर्मी की भी कर ली नियुक्ति
दिसंबर 2018 में जिन चार कर्मियों की नियुक्ति की गयी है, उनमें से एक कर्मचारी के बारे में विवि में यह चर्चा है कि कुछ दिन पूर्व तक वह राजधानी के एक अस्पताल में कार्यरत था. अब उसकी नियुक्ति परीक्षा विभाग में कर दी गयी.
विवि के परीक्षा विभाग के कार्यों में आये दिन लापरवाही का मामला सामने आता है, ऐसे कर्मियों की नियुक्ति के कारण ही कार्य में गड़बड़ी होती है. पिछले दो वर्ष में लगभग दो दर्जन से अधिक ऐसे दैनिक कर्मियों की नियुक्ति की गयी, जिनकी नियुक्ति के लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी.
स्थायी नियुक्ति नहीं होने से काम प्रभावित
विश्वविद्यालय में वर्षों से कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति नहीं हो रही है. एक ओर कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो दूसरी ओर काम का बोझ बढ़ रहा है. ऐसे में यहां दैनिक कर्मियों की नियुक्ति की जाती है, पर इसमें प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है.
जानकार लोगों का कहना है कि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी इसी प्रकार दैनिक कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है. यही कर्मचारी बाद में स्थायीकरण की मांग करते हैं और नहीं होने पर आंदोलन करते हैं.