बिहार, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ से आगे निकला झारखंड, म्यूचुअल फंड का बाजार हुआ 18,600 करोड़ रुपये के पार

राजेश कुमार रांची : रांची सहित पूरे झारखंड में म्यूचुअल फंड (एमएफ) के प्रति लोग काफी रुचि दिखा रहे हैं. इस कारण यहां निवेश तेजी से बढ़ रहा है. एएमएफआइ के नवंबर, 2018 के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड ने एक बार फिर बिहार, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ को पीछे छोड़ दिया है. झारखंड में एमएफ का बाजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2019 7:00 AM
राजेश कुमार
रांची : रांची सहित पूरे झारखंड में म्यूचुअल फंड (एमएफ) के प्रति लोग काफी रुचि दिखा रहे हैं. इस कारण यहां निवेश तेजी से बढ़ रहा है. एएमएफआइ के नवंबर, 2018 के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड ने एक बार फिर बिहार, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ को पीछे छोड़ दिया है.
झारखंड में एमएफ का बाजार 18,600 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. जबकि, बिहार में यह 16,300 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ में 13,100 करोड़ रुपये, उत्तराखंड में यह आंकड़ा 8,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, पूरे भारत में यह 23.59 लाख करोड़ रुपये पहुंचा है.
मार्च, 2017 में झारखंड में म्यूचुअल फंड का बाजार 10,700 करोड़ था
मार्च, 2017 के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में एमएफ का बाजार 10,700 करोड़ रुपये, बिहार में 9,800 करोड़ रुपये, उत्तराखंड में 4,700 करोड़ रुपये और छत्तीसगढ़ में यह 7,100 करोड़ रुपये पर पहुंचा था. इसमें लगातार तेजी आ रही है. 20 माह में ही झारखंड में 7,900 करोड़ रुपये निवेश बढ़ गया है.
झारखंड में जीडीपी का नौ प्रतिशत एमएफ में निवेश
बिहार सबसे पुराना और बड़ा मार्केट होने के बावजूद यह पिछड़ गया है. निवेशकों का एमएफ के प्रति रुझान बढ़ने के कारण झारखंड में कुल जीडीपी का नौ प्रतिशत एमएफ में हो रहा है. जबकि, मार्च, 2017 में यह पांच प्रतिशत था. वहीं, बिहार में जीडीपी का चार प्रतिशत निवेश एमएफ में होता है. मार्च, 2017 में यह दो प्रतिशत था. इसी प्रकार छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में कुल जीडीपी का छह-छह प्रतिशत निवेश एमएफ में हो रहा है.
इसलिए बढ़ रहा एमफ के प्रति रुझान
बाजार विशेषज्ञ ललित त्रिपाठी कहते हैं कि म्यूचुअल फंड के प्रति रुझान बढ़ने का मुख्य कारण लोगों के पास घटते निवेश के विकल्प और छोटे लोगों में म्यूचुअल फंड लोकप्रिय होना है. सोना, रियल इस्टेट और बैंकों में कम रिटर्न से निवेशकों की म्यूचुअल फंड में रुचि बढ़ी है.
राज्य परिसंपत्ति
झारखंड 18,600
बिहार 16,300
उत्तराखंड 8,100
छत्तीसगढ़ 13,100
असम 10,200
हिमाचल प्रदेश
सिक्किम 1,100
त्रिपुरा 1,400
मेघालय 1,600
जम्मू एवं कश्मीर 2,600
मध्य प्रदेश 29,500
नोट : आंकड़े करोड़ रुपये में है.

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