रांची : यूपीआइ से ठगी करनेवाला साइबर अपराधी नीरज जामताड़ा से गिरफ्तार

रांची : सदर थाना, रांची में 1,18,800 रुपये की साइबर ठगी को लेकर दर्ज केस में रांची पुलिस की टीम ने जामताड़ा से नीरज कुमार अंबष्ट को गिरफ्तार कर लिया है. वह जामताड़ा के क्रिश्चयन पाड़ा का रहनेवाला है. यह जानकारी रविवार की शाम अपने कार्यालय में सिटी एसपी सुजाता कुमारी वीणापानी ने दी. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2019 7:46 AM
रांची : सदर थाना, रांची में 1,18,800 रुपये की साइबर ठगी को लेकर दर्ज केस में रांची पुलिस की टीम ने जामताड़ा से नीरज कुमार अंबष्ट को गिरफ्तार कर लिया है. वह जामताड़ा के क्रिश्चयन पाड़ा का रहनेवाला है.
यह जानकारी रविवार की शाम अपने कार्यालय में सिटी एसपी सुजाता कुमारी वीणापानी ने दी. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों ने शिकायतकर्ता को फोन कर केवाइसी के नाम पर जानकारी प्राप्त कर यूपीआइ के माध्यम से रुपये की निकासी कर ली थी. इस मामले के उदभेदन के लिए साइबर डीएसपी यशोधरा के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था. केस के अनुसंधान के दौरान फोन करनेवाले साइबर अपराधी के मोबाइल का लोकेशन जामताड़ा पाया गया. इससे यह स्थापित हो गया कि घटना को अंजाम देने में जामताड़ा के साइबर अपराधियों का हाथ है.
पहले गिरफ्तार हाे चुका है समीर मंडल : पूर्व में तकनीकी शाखा और साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बंगाल और जामताड़ा में छापेमारी की गयी थी. इसके बाद जामताड़ा पुलिस के सहयोग से समीर मंडल को गिरफ्तार किया गया था. वह जामताड़ा थाना क्षेत्र के पागडीह का रहनेवाला था. उसने उक्त घटना में अपनी संलिप्तता की बात स्वीकार करते हुए गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम बताये थे. इसी आधार पर नीरज कुमार अंबष्ट को गिरफ्तार किया गया.
सिम, माेबाइल जला दिये थे : उसने पूछताछ में स्वीकार किया है कि समीर मंडल की गिरफ्तारी के बाद घटना में प्रयुक्त सिम, मोबाइल सेट और एटीएम कार्ड जला दिये थे. इनके अवशेष को नीरज के बयान के आधार पर अजय नदी के बरामद किया गया है. इस मामले में अन्य साइबर अपराधी भी गिरफ्तार हो सकते हैं. समीर मंडल को पूर्व में जामताड़ा साइबर थाना में दर्ज केस में जेल भेजा जा चुका है. उसे जल्द ही इस केस में रिमांड पर लिया जायेगा.
छापेमारी में शामिल पुलिस की टीम : सदर डीएसपी दीपक कुमार पांडेय, साइबर डीएसपी यशोधरा, सदर थाना प्रभारी दयानंद कुमार, इंस्पेक्टर अनिल कुमार करण, जमादार बिंदेश्वरी दास, मिथिलेश और प्रभांशु कुमार.
पिता शिक्षा विभाग में बड़ा बाबू
नीरज ने बताया कि वह साइबर क्राइम के पेशे में पिछले कई वर्षों से शामिल है. बीकॉम की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और साइबर क्राइम में उतर आया. समीर मंडल उसका रिश्तेदार है. वहीं नीरज के पिता विनय किशोर शिक्षा विभाग में बड़ा बाबू हैं. उसने बताया कि वह ट्रू कॉलर के जरिये मोबाइल नंबर हासिल करता है. फोन करने लिए फरजी नाम और पते पर जारी सिम कार्ड गिरोह के सदस्यों तक पहुंचाने का काम कोलकाता निवासी सुधीर दत्ता करता था, जबकि लोगों को फोन करने का काम नीरज का साला सुमित सरकार करता था.
आरोपी के रिश्तेदार ने खाते से उड़ायी थी राशि
नीरज ने बताया कि सदर थाना में दर्ज केस में शिकायतकर्ता को फोन करने का काम और रुपये ट्रांसफर करने का काम सुमित सरकार ने किया है.
नीरज ने यह भी बताया कि वह झारखंड, बिहार और यूपी के कई लोगों को फोन कर उनसे ओटीपी नंबर हासिल उनके पेटीएम, ई- वॉयलेट सहित दूसरे एप के जरिये लाखों की निकासी कर चुका है. उसने यह भी बताया कि उसने ठगी के रुपये से ही जामताड़ा के पागडीह में लाखों का मकान बनाया है. उसने ठगी के रुपये से ही गाड़ी भी खरीदी है.
वर्तमान में वह गाड़ी भाड़े पर चलाता था. इसके अलावा समय-समय पर लोगों को फोन कर उनके एकाउंट से रुपये भी निकालने का काम करता है. नीरज ने बताया कि उसके कई रिश्तेदार और संपर्क के लोग साइबर क्राइम में शामिल हैं. उसने कुछ लोगों के नाम और पते की जानकारी भी पुलिस को दी है.

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