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रांची : पतरातू में पावर प्लांट का सिविल वर्क आरंभ
मार्च 2022 में 800 मेगावाट की पहली यूनिट चालू होगी रांची : पतरातू में एनटीपीसी और जेबीवीएनएल के 800 मेगावाट के तीन यूनिट का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है. सिविल वर्क कार्य पूरा कर लिया गया है. चिमनी का राफ्ट तैयार कर लिया गया है. अब चिमनी लगाने का काम शुरू होगा. जानकारी के […]
मार्च 2022 में 800 मेगावाट की पहली यूनिट चालू होगी
रांची : पतरातू में एनटीपीसी और जेबीवीएनएल के 800 मेगावाट के तीन यूनिट का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है. सिविल वर्क कार्य पूरा कर लिया गया है.
चिमनी का राफ्ट तैयार कर लिया गया है. अब चिमनी लगाने का काम शुरू होगा. जानकारी के अनुसार, मार्च 2022 से 800 मेगावाट की पहली यूनिट से उत्पादन आरंभ किया जाना है. इसके लिए तेजी से काम किया जा रहा है. भेल द्वारा पावर प्लांट निर्माण के लिए काम किया जा रहा है.
पुराने प्लांट में फिलहाल छेड़छाड़ नहीं : एनटीपीसी के डीजीएम नीरज चतुर्वेदी ने बताया कि पीटीपीएस के पुराने प्लांट में फिलहाल कोई छेड़छाड़ नहीं की गयी है.
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीइए) ने इसे बेकार (कंडम) घोषित कर दिया है. भविष्य में इस प्लांट को हटा दिया जायेगा. वर्तमान में पुराने प्लांट के ठीक पास में ही खाली परिसर में ग्रीन फील्ड में तीन नयी यूनिट बनाने का काम चल रहा है. इसकी क्षमता 800-800 मेगावाट की होगी. भेल के 600 मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास
पतरातू एनटीपीसी के पावर प्लांट का शिलान्यास 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस सुपर थर्मल पावर का काम तब से ही आरंभ हो गया.
85% बिजली झारखंड को मिलेगी
पतरातू में एनटीपीसी और झारखंड सरकार की ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनी है. इसका नाम है पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल). एमओयू की शर्तों के तहत इस पावर प्लांट से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत झारखंड को मिलेगा. इसकी कुल क्षमता 4000 मेगावाट की होगी.
इसमें पहले चरण में 2400 और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट के पावर प्लांट बनेंगे.प्रथम चरण की परियोजना का कार्य 48 माह में पूरा करने की बात कही गयी है.
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