बैंकॉक में आयोजित चिकित्सकों के सम्मेलन में रांची के डॉ यूएस वर्मा हुए सम्मानित
रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यू एस वर्मा ने बैंकॉक में आयोजित चिकित्सकों के सम्मेलन में कहा कि नये-नये रोगों को लेकर चिकित्सक चिंतित हैं. आये दिन नये नये प्रयोग किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी कई बीमारियों का टीका तैयार किया गया है और लगातार शोध […]
रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ यू एस वर्मा ने बैंकॉक में आयोजित चिकित्सकों के सम्मेलन में कहा कि नये-नये रोगों को लेकर चिकित्सक चिंतित हैं. आये दिन नये नये प्रयोग किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी कई बीमारियों का टीका तैयार किया गया है और लगातार शोध जारी है.
रांची से इस सम्मेलन में शामिल होने वाले एक मात्र डॉ वर्मा ने किडनी फेल्योर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, गर्भाशय का ट्यूमर, हड्डी रोग, जोड़ों का दर्द, बुजुर्गों को होने वाली बीमारी, लकवा, ब्रेन हेमरेज, ब्रेड कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, गले और मुंह का कैंसर, मोटापा, डेंगू, फ्लू आदि पर अपने पेपर प्रस्तुत किये.
उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, खान पान में हो रहे बदलाव, पर्यावरण प्रदूषण, दिनचर्या में बदलाव, दूषित पानी का सेवन हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. साथ ही हमें रोगग्रस्त बना रहा है. अपनी प्रस्तुति से डॉ वर्मा ने दुनियाभर के डॉक्टर्स को काफी प्रभावित किया. डॉ वर्मा ने मौके पर अपनी उपलब्धियों और चिकित्सीय अनुभव भी लोगों से साझा किये.
डॉ वर्मा ने अपने इलाज से ग्रेन हेमरेज, किडनी फेल्योर, कैंसर आदि के रोगियों को पूरी तरह ठीक करने का अनुभव भी वहां साझा किया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने इलाज से कई लोगों की खोयी आवाज लौटायी. होमियोपैथी दवा के बारे में उन्होंने बताया कि जिन्हें अंग्रेजी दवा बंद नहीं करने की सलाह दी गयी हो. उनका दवा बंद किये बिना भी उन्हें होमियोपैथी दवा दी जा सकती है. आधे घंटे का अंतराल आवश्यक है.
बैंकॉक में आयोजित इस सम्मेलन में देश विदेश के 100 से भी अधिक चिकित्सकों का जुटान हुआ था. बेहतरीन पेपर प्रस्तुत करने के लिए डॉ वर्मा को वहां सम्मानित भी किया गया. डॉ वर्मा ने लोगों को स्वस्थ खान पान और नित योग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर कई रोगों को आने से रोका जा सकता है.