जमशेदपुर : शैलेंद्र महतो हो सकते हैं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष

रांची : जमशेदपुर निवासी शैलेंद्र महतो को प्रदेश जदयू की कमान सौंपी जा सकती है. इनके नाम को लेकर पार्टी के अंदर सहमति बन गयी है. ये पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो नहीं हैं. 12 जनवरी को पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ पटना में हुई झारखंड प्रदेश पदाधिकारियों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2019 8:32 AM
रांची : जमशेदपुर निवासी शैलेंद्र महतो को प्रदेश जदयू की कमान सौंपी जा सकती है. इनके नाम को लेकर पार्टी के अंदर सहमति बन गयी है.
ये पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो नहीं हैं. 12 जनवरी को पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ पटना में हुई झारखंड प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भी इनके नाम को लेकर चर्चा की गयी थी. मंगलवार को प्रदेश प्रभारी राम सेवक सिंह इनके नाम की घोषणा कर सकते हैं. शैलेंद्र महतो कुर्मी समुदाय से हैं. प्रत्येक वर्ष इनकी ओर से कुर्मी सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. दिसंबर में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो कांग्रेस में शामिल हो गये थे़ इसके बाद से पार्टी में नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर खोज जारी थी.
जमशेदपुर/ रांची : राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन का कोई मतलब नहीं है1 भाजपा को अगर हराना है, तो राज्य स्तर पर जो भीभाजपा विरोधी दल हैं, उन्हें एकजुट होना चाहिए. यह बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पूर्व महासचिव एवं पोलित ब्यूरो सदस्य प्रकाश करात ने निर्मल गेस्ट हाउस में सोमवार को पत्रकार वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल पूरी तरह से संविधान के प्रावधान के खिलाफ है. इसे धार्मिक आधार पर बनाया गया है, जो गलत है.
नागरिकता संशोधन कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान समेत दूसरे पड़ोसी देशों से अवैध तरीके से आने वाले मुस्लिम को छोड़कर अन्य धर्म के लोगों को छह साल में नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है, जो गलत है. रिफ्यूजी के लिए कॉमन पॉलिसी बने. कहा कि यह बिल राज्यसभा में आसानी से पास नहीं होगा अौर विपक्षी दलों को एकजुट होकर विरोध करना होगा .
ममता बनर्जी से कोई गठबंधन नहीं : श्री करात ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से गठबंधन करने का सवाल ही नहीं है. सबसे अधिक जनतंत्र को टीएमसी खत्म कर रही है. विपक्षी दलों पर लगातार हमला हो रहे हैं, उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया जा रहा है, इसलिए टीएमसी से कोई समझौता नहीं हो सकता.
श्री करात ने यह भी कहा कि सीपीआइ (एम) युवाअों को जोड़ने का प्रयास कर रही है.झारखंड में पार्टी ने रांची अौर राजमहल सीट को चुनाव लड़ने के लिए चिह्नित किया है. पिछले दिनों हेमंत सोरेन के आवास पर हुई बैठक में भाजपा विरोधी दलों के तालमेल की सहमति बनी है अौर इस माह के अंत तक सीट तय होंगे. जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बिहार में चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि बिहार में सहयोगी दलों सेे बात हो रही है.

Next Article

Exit mobile version