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झारखंड बजट : महत्व वाली सड़कों का किया जायेगा निर्माण, हर जिले को दो मिलेंगी सड़कें

बीते वर्ष की तुलना में इस बार 700 करोड़ रुपये बढ़ा है विभाग का बजट वित्तीय वर्ष 2019-20 में झारखंड सरकार ने पथ निर्माण, नगर विकास, ऊर्जा व ग्रामीण कार्य विभाग के बजट में बढ़ोतरी की है. इन विभागों पर सरकार का विशेष फोकस है. इसके अलावा आइटी विभाग के कामों पर भी सरकार का […]

बीते वर्ष की तुलना में इस बार 700 करोड़ रुपये बढ़ा है विभाग का बजट
वित्तीय वर्ष 2019-20 में झारखंड सरकार ने पथ निर्माण, नगर विकास, ऊर्जा व ग्रामीण कार्य विभाग के बजट में बढ़ोतरी की है. इन विभागों पर सरकार का विशेष फोकस है. इसके अलावा आइटी विभाग के कामों पर भी सरकार का पूरा ध्यान है. बिजली के क्षेत्र में खासा ध्यान देते हुए इस बार बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 1066 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गयी है़ सरकार का लक्ष्य इस वर्ष हर गांव में बिजली पहुंचाना है.
ग्रामीण कार्य विभाग 3000 किमी ग्रामीण सड़कें बनायी जायेंगी
वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3000 किमी नयी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया जायेगा. वैसी सड़कें बनेंगी, जिनका महत्व अधिक हो. लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो. इसके साथ ही वर्षों पहले बनी सड़कों की मरम्मत की भी योजना है. फिलहाल सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है, लेकिन आनेवाले साल में सड़कों की मरम्मत हो सकेगी, क्योंकि सड़कों की दशा धीरे-धीरे खराब हो गयी है.
इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2019-20 में 100 नये पुल बनाये जायेंगे. सारे पुलों का निर्माण उसके महत्व को देखते हुए किया जायेगा. वहीं हाल ही में स्वीकृत 72 पुलों में से 66 पुलों का निर्माण करा लिया गया है. शेष पुलों का काम भी अगले वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जायेगा.
सरकार के मुताबिक अब तक पीएमजीएसवाइ से 2600 किमी सड़क का काम पूरा कर लिया गया है. इससे 600 बसावटों को जोड़ा गया है. सरकार ने कहा कि पिछले 14 वर्षों में 22000 किमी ग्रामीण पथों का निर्माण कराया गया है. वहीं मौजूदा सरकार के चार साल के कार्यकाल में 20000 किमी पथ का निर्माण करा लिया गया है. इससे 8000 गांवों को जोड़ा गया है.
वित्तीय 2019-20 में जिलों के महत्ववाली सड़कों का निर्माण कराया जायेगा. इस बार हर जिले में सड़क का निर्माण होगा. छोटे जिलों को भी सड़कों से आच्छादित किया जायेगा. यह तैयारी है कि हर जिले में कम से कम बड़ी व महत्व वाली सड़क जरूर बने. सड़क निर्माण के लिए पहले सर्वे कराया जायेगा. यह देखा जायेगा कि उक्त सड़कों का क्या महत्व है.
जिन सड़कों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा हो और उससे जिले की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, वैसी ही योजना को ली जायेगी. इस उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए पथ निर्माण का बजट 4700 करोड़ रुपये तय किया गया है. यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 700 करोड़ अधिक है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 4000 करोड़ रुपये का बजट था. वहीं इसके पहले के साल यानी वित्तीय वर्ष 2017-18 में 5000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था.
वित्तीय वर्ष 2019-20 में पर्यटन व औद्योगिक विकास के महत्व वाली सड़कों पर भी काम किया जाना है. पिछले वित्तीय वर्ष में भी सड़क निर्माण को लेकर इस पर फोकस किया गया था. इस बार अंतर्राज्यीय पथों के निर्माण पर ध्यान दिया जायेगा. करीब 1350 किमी सड़क व 40 बड़े पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है.
ऐसे पुलों का निर्माण कराया जायेगा, जो जिलों को कनेक्टिविटी तो दे ही, उससे औद्योगिक व पर्यटन के महत्व वाले जगह भी जुड़े और उसकी कनेक्टिविटी बेहतर हो. राज्य में सड़कों के घनत्व में और इजाफा करने का प्रयास होगा. वर्ष 2018-19 में पथों का घनत्व बढ़ कर 153.06 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी हो गया है, जो 2014-15 में 106.67 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी था.
सरकार के मुताबिक मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 4600 किमी सड़कों व 109 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण हुआ है. यानी हर दिन 3.28 किमी की दर से सड़क का निर्माण हुआ है. सरकार का कहना है कि इससे पूर्व यह दर हर दिन 1.50 किमी थी. सरकार की अोर से बताया गया कि वर्ष 2018-19 में अब तक 2509 करोड़ रुपये की लागत से 1004 किमी सड़क व आठ पुलों के निर्माण योजना को स्वीकृति दी गयी है.
जमशेदपुर में 1.50 किमी लंबाई वाली फोर लेन एलिवेटेड कॉरिडोर को भी स्वीकृति मिली है. आठ-नौ साल से लंबित रांची रिंग रोड सेक्शन सात को भी पूर्ण कर लिया गया है. फिलहाल एशियन डेवलपमेंट बैंक के कर्ज से झारखंड स्टेट रोड प्रोजेक्ट फेज टू के तहत 178 किमी पथों का निर्माण कराया जा रहा है. दुमका-हंसडीहा पथ, गिरिडीह-जमुआ-चतरो-सरवन पथ, गिरिडीह-टुंडी-गिरिडीह पथ, खूंटी-तमाड़ पथ का काम कराया जा रहा है. इन सारी सड़कों को वित्तीय वर्ष 1019-20 में पूर्ण कर लेने का लक्ष्य है.
आइटी विभाग
ई-पेंशन की दिशा में आगे बढ़ी सरकार
अभी किसी भी बाहरी स्रोत से बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से सरकार के खाते में भुगतान प्राप्त करने में तीन दिनों से ज्यादा समय लगता है. इसे सरल करते हुए राज्य सरकार ने अॉनलाइन अाइएफएमएस के तहत ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से देश के किसी भी कोने से किसी भी दाता द्वारा किसी भी बैंक शाखा से आरबीआइ के एनइएफटी खाते में सीधे भुगतान की व्यवस्था की गयी है.
वहीं सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मियों को पेंशन प्रपत्र अॉनलाइन जेनरेट करने के लिए ई-पेंशन का क्रियान्वयन किया गया है. इसके माध्यम से संबंधित कर्मी अपना प्रपत्र खुद जेनरेट कर निकासी व व्ययन पदाधिकारी तथा सैंगसनिंग अथॉरिटी के सत्यापन के उपरांत महालेेखाकार कार्यालय को अग्रसारित कर सकता है.
रेल परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य
राज्य की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाअों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है. रांची-बड़काकाना-हजारीबाग-कोडरमा, कोडरमा-तिलैया व कोडरमा-गिरिडीह रेल परियोजनाअों का निर्माण जारी है. इस पर काम तेजी से हो रहा है. सारी रेल परियोजनाएं एक साल के अंदर पूरी हो जायेंगी. वहीं दुमका में कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना वर्ष 2019-20 में कर ली जायेगी.
दुमका व रांची में ग्लाइडर पायलट लाइसेंस की ट्रेनिंग शुरू कर दी गयी है. रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम उड़ान के तहत जमशेदपुर, बोकारो व दुमका से नियमित उड़ान सेवा शुरू करायी जायेगी. देवघर में 2020 तक हवाई अड्डा का निर्माण करा लिया जायेगा. राज्य सरकार ने जमीन की व्यवस्था सहित अन्य सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली है.
ऊर्जा विभाग
लगेंगे स्मार्ट मीटर, बनेंगे सब स्टेशन
राज्य सरकार ने ऊर्जा विभाग का बजट पेश करते हुए बताया कि राज्य के सभी 68 लाख घरों को बिजली की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. इसके अतिरिक्त राज्य के सभी सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, पंचायत भवनों को भी विद्युत सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है.
दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कृषि कार्य हेतु निर्बाद्ध बिजली आपूर्ति हेतु 300 एग्रीकल्चर फीडर का निर्माण किया जा रहा है, जिसे वित्तीय वर्ष 2019-20 में पूर्ण कर लिया जायेगा. इस योजना के पूर्ण हो जाने से राज्य के किसानों को डेडिकेटेड एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति हो सकेगी.
पतरातू में पीयूवीएनएल द्वारा पतरातू में 4000 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में मुख्य पावर हाउस के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है. राज्य में पहली बार गैस इंसलेटेड स्वीचयार्ड की संरचना का निर्माण किया जायेगा. वर्ल्ड बैंक के सहयोग से झारखंड पावर सिस्टम इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत रांची में 3.5 लाख बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इससे रीडिंग सही होगी और प्रीपेड बिल भी होगा. वर्ष 2019-20 में इसे पूरा करने का लक्ष्य है.
जेएसबीएवाइ के तहत 170 नये सब स्टेशनों का निर्माण, 59 पुराने सब स्टेशन का क्षमता विस्तार, 33 केवी की 4000 किमी लाइन व 11 केवी की 3500 किमी लाइन का निर्माण होगा. इसे 2019-20 में पूरा करने का लक्ष्य है.
विश्व बैंक के सहयोग से ट्रांसमिशन लाइन योजना के तहत सिल्ली, इरबा, शिकारीपाड़ा, महुआडांड़, अनगड़ा, अमरापाड़ा, हंसडीहा, जरमुंडी, चैनपुर, सुंदरनगर, छतरपुर, रमकंडा, चौका, कोलेबिरा, मेराल, पांकी, नगरउंटारी, चंदवा, कांड्रा, कुरडेग, सारठ, सुरदा, नवाडीह व नारायणपुर में ग्रिड सब स्टेशनों तथा संबंधित संचरण लाइनों का निर्माण होगा.
संथालपरगना में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा तथा गुमला जिलों में ट्रांसमिशन गैप को पूरा करने के लिए चार नये ग्रिड सब स्टेशन निर्माण होगा.
गिरिडीह में 220/132/33 केवी का ग्रिड सब-स्टेशन बनकर तैयार है. इसको डीवीसी के संचरण नेटवर्क से जोड़ने के लिए 220 केवी कोडरमा (डीवीसी)-गिरिडीह (डीवीसी) ट्रांसमिशन लूप इन और लूप आउट लाइन का निर्माण कराया जायेगा.राज्य के 350 सरकारी भवनों का ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जायेगा.
किस विभाग को कितनी राशि
कृषि 3141.50
पशुपालन 136.00
भवन निर्माण 633.50
नागर विमानन 36.00
सहकारिता 280.00
ऊर्जा 4526.13
उत्पाद 10.00
खाद्य आपूर्ति 1304.84
वन पर्यावरण 425.00
स्वास्थ्य 2965.50
उच्च शिक्षा 498.06
गृह 637.86
उद्योग 400.33
पीआरडी 100.00
श्रम नियोजन 265.16
खान भूतत्व 35.56
अल्पसंख्यक कल्याण 100.20
योजना विकास 300.13
पेयजल 2369.89
आपदा प्रबंधन 442.00
राजस्व भू सुधार 129.00
पथ निर्माण 4700.00
ग्रामीण विकास 5917.46
विज्ञान प्रावैधिकी 509.38
सूचना प्रावैधिकी 210.00
पर्यटन 180.00
परिवहन 239.01
नगर विकास 2849.70
जल संसाधन 1940.04
लघु सिंचाई 586.06
कल्याण 1613.18
कला संस्कृति 110.00
मत्स्य 99.96
डेयरी 234.00
आरइओ 3925.00
पंचायती राज 1741.00
आवास 6.00
सेकेंड्री शिक्षा 1288.96
प्राथमिक शिक्षा 3090.08
समाज कल्याण 4299.95
(राशि करोड़ रुपये में)
नगर विकास विभाग
कन्वेंशन सेंटर पूरा करने का लक्ष्य
वित्तीय वर्ष 2019-20 में नगर विकास के क्षेत्र में राज्य सरकार ने चालू योजनाओं को ही पूरा करने पर ध्यान दिया है. कोई नयी घोषणा नहीं की गयी है. एचइसी में निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर, अर्बन सिविक टावर व जेयूपीएमआइ को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान बजट में रांची, गिरिडीह, गोड्डा, मिहिजाम, पाकुड़, देवघर, खूंटी, सरायकेला, झमुरीतिलैया, कोडरमा, बुंडू, लातेहार, चिरकुंडा, चाकुलिया, चाईबासा, जामताड़ा, चतरा, गढ़वा, धनबाद, साहेबगंज व राजमहल में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की योजना लागू करने के लिए प्रबंध किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 46,770 आवास का निर्माण करने के लिए प्रावधान किया गया है.
वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40,000 भागीदारी एवं किफायती आवास का निर्माण किया जायेगा
अमृत योजना के अंतर्गत रांची, धनबाद, देवघर, चास, आदित्यपुर, हजारीबाग व गिरिडीह में पांच जलापूर्ति, चार सेप्टेज प्रबंधन, एक सिवरेज और 35 पार्क परियोजनाओं का कार्यान्वयन होगा
नमामि गंगे के तहत साहेबगंज में 33.80 करोड़ की लागत से घाट व शवदाह गृह का निर्माण होगा
146.62 करोड़ की लागत से साहेबगंज वेस्ट वाटर परियोजना और 56.76 करोड़ की लागत से राजमहल वेस्ट वाटर परियोजना का कार्यान्वयन किया जायेगा
रांची, धनबाद व जमशेदपुर में आइएसबीटी व ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा
शहरी आजीविका मिशन के तहत 25000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा
प्रधानमंत्री आवास योजना के चौथे घटक के अंतर्गत 83,336 आवासों को स्वीकृति दी गयी है. राज्य में 36,566 आवास बनाये जा चुके हैं. इस साल 46,770 आवास पूरे कर लिये जायेंगे
एचइसी क्षेत्र में 656 एकड़ जमीन पर स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 1,110 करोड़ रुपये का प्रावधान
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2,13,530 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है. 1153 सीट वाले और 78 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण इस साल पूरा कर लिया जायेगा

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