रांची : जिला परिषद उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायेंगे सदस्य

उत्तम महतो रांची : जिला परिषद में उभरा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर अध्यक्ष सुकरा मुंडा और उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने जिला अभियंता के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. दूसरी ओर, अभियंताओं ने भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर टेंडर मैनेज करने सहित कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाये हैं. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2019 8:46 AM
उत्तम महतो
रांची : जिला परिषद में उभरा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ओर अध्यक्ष सुकरा मुंडा और उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने जिला अभियंता के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. दूसरी ओर, अभियंताओं ने भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर टेंडर मैनेज करने सहित कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाये हैं. इस उठापटक में अब जिला परिषद के सदस्य भी कूद पड़े हैं.
जिला परिषद के सदस्यों ने गुरुवार को कचहरी में बैठक की. इसमें निर्णय लिया गया कि परिषद उपाध्यक्ष और उनके पीए(पूर्व जिला परिषद सदस्य) के व्यवहार से जिला परिषद की छवि धूमिल हुई है. दोनों के व्यवहार से जिला परिषद का हर व्यक्ति त्रस्त है. इसलिए उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाये.
इसको लेकर मांडर के जिला परिषद सदस्य सुनील उरांव के नेतृत्व में जिला परिषद के अधिकतर सदस्यों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया. इसमें परिषद के अधिकतर सदस्यों ने हस्ताक्षर किया. अब शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के इस पत्र को उप विकास आयुक्त को सौंपा जायेगा. पत्र सौंपने के एक निर्धारित तिथि के अंदर उपायुक्त अविश्वास प्रस्ताव को लेकर स्पेशल बैठक बुला कर वोटिंग करायेंगे.
दो तिहाई बहुमत लाकर हटाया जा सकता है उपाध्यक्ष को
जिला परिषद उपाध्यक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एक तिहाई सदस्यों को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन डीडीसी को सौंपना होगा. मतलब जिला परिषद के वर्तमान 36 सदस्यों में से 13 सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव के पत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे. तभी वह पत्र वैध होगा. वहीं, जिस दिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी, उस दिन दो तिहाई बहुमत सदन में दिखाना होगा. अगर दो तिहाई सदस्य इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट कर देते हैं, तो उपाध्यक्ष को अपना पदछोड़ना पड़ेगा.
ऐनुल हक के नाम पर बनी सहमति
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला परिषद के सदस्यों के बीच इस बार उपाध्यक्ष पद के लिए नगड़ी के जिप सदस्य एेनुल हक चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी हो चुकी है. पूर्व में भी ऐनुल हक जिप उपाध्यक्ष के लिए मैदान में उतरे थे. लेकिन, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

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