रांची : राज्यपाल ने जेपीएससी अध्यक्ष को बुलाया, परीक्षा की जानकारी ली

रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को जेपीएससी के अध्यक्ष डॉ एके चट्टोराज को राजभवन बुलाया. उन्होंने अध्यक्ष से छठी सिविल सेवा परीक्षा व विवि शिक्षक नियुक्ति के संबंध में अद्यतन जानकारी ली. मालूम हो कि छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से राजधानी के 57 परीक्षा केंद्रों पर होने जा रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2019 12:17 AM

रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को जेपीएससी के अध्यक्ष डॉ एके चट्टोराज को राजभवन बुलाया. उन्होंने अध्यक्ष से छठी सिविल सेवा परीक्षा व विवि शिक्षक नियुक्ति के संबंध में अद्यतन जानकारी ली. मालूम हो कि छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से राजधानी के 57 परीक्षा केंद्रों पर होने जा रही है. इसमें 27,100 उम्मीदवार शामिल हो रहे हैं.

इधर, कई छात्र संगठनों ने छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इससे पूर्व छात्र संगठन विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव सहित विधायक शिवशंकर उरांव व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिल कर ज्ञापन सौंप चुके हैं.

कार्मिक सचिव से मिले छात्र : इधर जेपीएससी द्वारा दी जा रही गलत जानकारी को लेकर छात्रों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को कार्मिक सचिव केके खंडेलवाल से मिला. विद्यार्थियों ने तथ्यों के साथ कई जानकारी दी. विद्यार्थियों ने बताया कि छात्र नवनीत रंजन ने दो साल पहले पीटी की परीक्षा दी थी, आयोग ने लिंक भी दिया था.
जिसमें आयोग ने कहा था कि लिंक के जरिये एडमिट कार्ड मिल जायेगा. वेबसाइट पर नो योर एडमिट कार्ड पर क्लिक करने से सारी जानकारी मिल जायेगी. उस छात्र का पीटी में क्रमांक 432 था. लेकिन, आयोग ने उसका क्रमांक 431 कर दिया. जो फेल बता रहा था. कार्मिक सचिव आश्वासन दिया कि इस समस्या का निदान जल्द किया जायेगा.
जेपीएससी मामले की सुनवाई 28 को
रांची. छठी जेपीएससी पीटी परीक्षा के रिजल्ट को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई अब 28 फरवरी को होगी. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षतावाली खंडपीठ में शुक्रवार को इस मामले पर आंशिक सुनवाई हुई. जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 फरवरी से होनेवाली है. पवन कुमार पांडेय की अोर से याचिका दायर कर जेपीएससी की पीटी परीक्षा को चुनौती दी गयी है.
कहा गया है कि पीटी परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. विज्ञापन निकलने के बाद तीन बार संशोधन किया गया है. कुल निर्धारित सीट पर 15 गुणा से अधिक अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है.

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