आक्रोश महारैली : कुर्मियों ने मांगा एसटी का दर्जा, चालू सत्र में बिल लाने की उठायी आवाज
कुरमी विकास मोरचा ने सरकार व दलों पर बनाया दबाव रांची : कुरमी विकास मोरचा की आक्रोश महारैली में सरकार से चालू सत्र में कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए बिल लाने की मांग की गयी. ऐसा नहीं करने पर आनेवाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को परिणाम भुगतने की […]
कुरमी विकास मोरचा ने सरकार व दलों पर बनाया दबाव
रांची : कुरमी विकास मोरचा की आक्रोश महारैली में सरकार से चालू सत्र में कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए बिल लाने की मांग की गयी. ऐसा नहीं करने पर आनेवाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.
साथ ही सभी राजनीतिक दलों को कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के मुद्दे को घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की गयी. ऐसा नहीं करने वाले राजनीतिक दलों को वोट नहीं देने का आह्वान किया गया. महारैली का आयोजन रविवार को मोरहबादी मैदान में किया गया. इसमें कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
रैली को संबोधित करते हुए मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि 1950 में कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से हटा दिया गया था. इसके बाद से समाज के लोग फिर से इस सूची में शामिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
2019 का साल काफी महत्वपूर्ण है. अब समाज के लोगों को हक दिलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को कुरमी/कुड़मी को एसटी की सूची में शामिल करने का मुद्दा घोषणा पत्र में शामिल करना होगा. ऐसा करने वालों के साथ ही समाज के लोग जायेंगे.
झामुमो विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि जो कुरमी हित की बात नहीं करेगा, उसको समाज के लोग धूल चटा देंगे. समाज के लोगों को ऐसे लोगों को सहयोग नहीं करने चाहिए, जो समाज की बात नहीं करता हो.
कांग्रेस के पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश ने कहा कि समाज को ऐसे स्थान पर खड़ा कर दिया गया है, जहां मुखिया और प्रमुख बनना भी मुश्किल हो गया है. इस संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए लड़ना होगा. जेल जाने के लिए भी तैयार रहना होगा. इस लड़ाई को आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार करें. समाज के एक-एक व्यक्ति इसके साथ होंगे.
कुरमी समाज अब जाग चुका है : शीतल ओहदार
कुरमी विकास मोरचा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि सरकार को चालू सत्र में ही कुरमी/कुड़मी को एसटी में शामिल करने का प्रस्ताव लाना चाहिए. सदन से पारित कराकर इस प्रस्ताव को भारत सरकार के पास भेजे. सरकार ऐसा नहीं करेगी, तो आंदोलन किया जायेगा. इस प्रस्ताव का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को सहयोग नहीं किया जायेगा.
ऐसा करने वाले एक भी नेता लोकसभा और विधानसभा की सीट नहीं जीत सकेंगे. समाज अब जाग चुका है. समाज को ठगने वाले अब नहीं बख्शे जायेंगे. यह लड़ाई हम लोगों की नहीं है. यह बाल-बच्चों के भविष्य की लड़ाई है. इसमें समाज के एक-एक व्यक्ति को लड़ना होगा. हमारे समाज के लोगों ने देश और झारखंड के निर्माण के लिए जान दी है. आगे भी समाज की लड़ाई में जान देंगे.संघर्ष के लिए लड़ना होगा. जेल जाने के लिए भी तैयार रहना होगा.
-केशव महतो, पूर्व विधायक
जो कुरमी हित की बात नहीं करेगा, उसको समाज के लोग धूल चटा देंगे.
-जगरनाथ महतो, विधायक, झामुमो
कुरमी/कुड़मी को एसटी की सूची में शामिल करने का मुद्दा घोषणा पत्र में शामिल करें सभी दल.
-चंद्रप्रकाश चौधरी, मंत्री