रांची-टाटा सड़क का काम पूरा नहीं करनेवाली कंपनी मधुकॉन टर्मिनेट, प्रोजक्ट पर नहीं पड़ेगा असर
मनोज लाल रांची : निर्धारित समय पर रांची-जमशेदपुर-महुलिया रोड (एनएच 33, फोरलेन) का निर्माण नहीं करने के आरोप में मधुकॉन प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी को एनएचएआइ ने टर्मिनेट कर दिया है. इसकी पुष्टि एनएचएआइ झारखंड के हेड विजय श्रीवास्तव ने की है. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से इस कंपनी को वर्ष 2011 […]
मनोज लाल
रांची : निर्धारित समय पर रांची-जमशेदपुर-महुलिया रोड (एनएच 33, फोरलेन) का निर्माण नहीं करने के आरोप में मधुकॉन प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी को एनएचएआइ ने टर्मिनेट कर दिया है.
इसकी पुष्टि एनएचएआइ झारखंड के हेड विजय श्रीवास्तव ने की है. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से इस कंपनी को वर्ष 2011 में ज्वाइंट वेंचर में सड़क बनाने का टेंडर मिला था. कंपनी ने जून 2012 में काम शुरू किया. तय समयसीमा के मुताबिक, कंपनी को जून 2015 में काम पूर्ण कर देना था, लेकिन अब भी टाटा रोड का निर्माण अधूरा है.
इस मार्ग की जांच करनेवाली टीम ने पाया कि अब तक 50 फीसदी भी सड़क नहीं बन पायी है. वहीं, दूसरी ओर रांची-टाटा-महुलिया रोड निर्माण का मामला झारखंड हाइकोर्ट में भी चल रहा है.
मधुकॉन पर कार्रवाई का प्रयास बड़े राजनेताओं ने भी किया था
समय से काम पूरा नहीं करने की स्थिति में मधुकॉन पर कार्रवाई का प्रयास कई बड़े नेताओं ने भी किया था. यहां तक कि यूपीए सरकार के दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी तत्कालीन केंद्रीय सड़क, परिवहन मंत्री से इस पर कार्रवाई करने को कहा था.
तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कार्रवाई के लिए केंद्रीय सड़क, परिवहन मंत्री से बात की थी. वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास भी इस विषय पर केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस संदर्भ से बात की थी. कई स्तरों पर एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई कर सड़क निर्माण का आग्रह केंद्र सरकार से किया गया था.
तेलगु देशम पार्टी के बड़े नेता की है कंपनी : मधुकॉन प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी का कॉरपोरेट ऑफिस हैदराबाद में है, जबकि प्रशासनिक भवन गुड़गांव में है. कंपनी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में कई बड़ी परियोजनाएं ले रखी हैं. कंपनी के संस्थापक एन नागेश्वर राव तेलगुदेशम पार्टी के बड़े नेता व पूर्व सांसद हैं.
एनएचएआइ की कार्रवाई
प्रोजक्ट पर नहीं पड़ेगा असर
कंपनी को टर्मिनेट कर देने से रांची-जमशेदपुर-महुलिया फोरलेन परियोजना पर असर नहीं पड़ेगा. एनएचएआइ ने पहले ही इस परियोजना को चार भागों में बांट कर इसका टेंडर जारी कर दिया है. टेंडर फाइनल होते ही चारों हिस्सों पर काम शुरू हो जायेगा. सामान्य स्थिति में कंपनी के टर्मिनेट होने से परियोजना पर असर पड़ता है, लेकिन एनएचएआइ ने इसकी व्यवस्था कर रखी है कि काम पूरा हो जाये.