रांची : गठिया की समय से हो जाये पहचान तो परेशानी से बच सकता है मरीज

रिम्स हड्डी विभाग और रांची आर्थोपेडिक कल्ब का 11वां वार्षिक सम्मेलन अगला सेमिनार जमशेदपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया रांची : कोलकाता से आये डॉ अभ्रा चौधरी ने बताया कि गठिया रोग की समय पर पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाये, ताे मरीज को होनेवाली परेशानी से बचाया जा सकता है. गठिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2019 8:46 AM
रिम्स हड्डी विभाग और रांची आर्थोपेडिक कल्ब का 11वां वार्षिक सम्मेलन
अगला सेमिनार जमशेदपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया
रांची : कोलकाता से आये डॉ अभ्रा चौधरी ने बताया कि गठिया रोग की समय पर पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाये, ताे मरीज को होनेवाली परेशानी से बचाया जा सकता है. गठिया की बीमारी की पहचान के लिए आजकल कई जांच उपलब्ध हैं. गठिया के शुरुआती लक्षण में भी मरीज विशेषज्ञ डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाता है. वह रिम्स के हड्डी विभाग व रांची आर्थोपेडिक कल्ब के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 11 वें वार्षिक सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में रविवार को जानकारी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि जब असहय दर्द होने लगता है या हड्डी में विकृति आने लगती है, तो मरीज परामर्श लेने पहुंचता है.
ऐसे मरीज का डॉक्टरों को सही मैनेजमेंट कर इलाज करना चाहिए. सेमिनार में डॉ सुधीर कुमार व डॉ पवन कुमार ने भी व्याख्यान दिया. कार्यक्रम में अगला सेमिनार जमशेदपुर में आयोजित करने का निर्णय लिया गया. रूमेटोलॉजिस्ट डॉ देवनीश खेस ने कहा कि गठिया के मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते हैं, जिसके कारण उन्हें शीघ्र आराम नहीं मिलता है. दवा के अलावा कई ऐसे टिप्स हैं, जिसको अपनाकर मरीज को राहत पहुंचायी जा सकती है. मौके पर डॉ आरसी मिश्रा, डॉ एलवी मांझी, डॉ आरसी झा, डॉ दीपक वर्मा समेत कई चिकित्सक उपस्थित थे.
पेपर प्रेजेंटेशन में रिम्स के पीजी स्टूडेंट रहे अव्वल : वैज्ञानिक सत्र के बाद पीजी स्टूडेंट रिसर्च पेपर प्रेजेंटेशन का भी आयोजन किया गया. इसमें राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के पीजी स्टूडेंट्स ने अपना प्रेजेंटेशन दिया. पेपर प्रेजेंटेशन में रिम्स के विद्यार्थियाें का दबदबा रहा. पीजी पेपर प्रेजेंटेशन में डाॅ विनीत विवेक को प्रथम और डॉ अंकुर ओझा को दूसरा स्थान मिला. वहीं, पीजी क्विज में रिम्स के डॉ सुधांशु व डॉ सतेंद्र को प्रथम स्थान व बीजीएच बोकारो के डॉ शीराज व डॉ दीपक को द्वितीय स्थान मिला.

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