पिस्कानगड़ी : तसर उत्पादन में व्यावहारिक अनुसंधान करें वैज्ञानिक
पिस्कानगड़ी : नगड़ी के केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में बुधवार को तसर रेशम उद्योग का समग्र विकास पर राष्ट्रीय राजभाषा तकनीकी सेमिनार का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि झारखंड केंद्रीय विवि रांची के कुलपति प्रो नंद कुमार यादव ने कहा कि तसर उत्पादन के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुसंधान की आवश्यकता है. […]
पिस्कानगड़ी : नगड़ी के केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में बुधवार को तसर रेशम उद्योग का समग्र विकास पर राष्ट्रीय राजभाषा तकनीकी सेमिनार का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि झारखंड केंद्रीय विवि रांची के कुलपति प्रो नंद कुमार यादव ने कहा कि तसर उत्पादन के क्षेत्र में व्यावहारिक अनुसंधान की आवश्यकता है.
जिससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की अधिसंख्य किसानों को तसर कीटपालन का समुचित लाभ मिल सके तथा उनकी अाजीविका में अभिवृद्धि हो सके. उन्होंने तसर उत्पाद के लिए ब्रांडिंग पर भी बल दिया. विशिष्ट अतिथि झारखंड सरकार के रेशम, हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प के निदेशक उदय प्रताप ने कहा झारखंड देश में सबसे उच्च श्रेणी का रेशम उत्पादक है.
वन उत्पादकता संस्थान लालगुटवा के निदेशक डॉ नितिन कुलकर्णी ने कहा कि तसर रेशम कीट का संबंध पेड़-पौधों से है. इसलिए हमें वनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने तसर के वैज्ञानिकों से किसानों के लाभोन्मुखी परियोजना पर कार्य करने की अपील की. सेमिनार के सह प्रायोजक नाबार्ड के प्रतिनिधि एमपी सिंह ने तसर प्रबंधन से कहा कि तसर उत्पादन क्षेत्र में ग्रामीण विकास की योजना व प्रस्ताव नाबार्ड को प्रेषित करें, नाबार्ड वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.
अध्यक्षता करते हुए निदेशक डॉ आलोक सहाय ने कहा उष्ण कटिबंधीय तसर के क्षेत्र में यह संस्थान विश्व का एकमात्र संस्थान है जहां तसर के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण शोध किये गये हैं. इसमें जब झारखंड केंद्रीय विवि के साथ समन्वित अनुसंधान होगा तो इसकी उपयोगिता और भी बढ़ेगी. संस्थान के सहायक निदेशक राजभाषा कमल किशोर बडोला ने सेमिनार के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. संचालन डॉ जेपी पांडेय व धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ जीपी सिंह ने किया.
सेमिनार में देश के विभिन्न राज्यों के तसर रेशम कीट वैज्ञानिकों ने विभिन्न विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किये एवं तसर रेशम कीट से संबंधित पत्रिका का विमोचन किया गया. मौके पर झारखंड वन विकास निगम के निदेशक डॉ एचएस गुप्ता, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार मीलू, डॉ एसएस सिन्हा, डॉ अजीत कुमार सिन्हा, डॉ संजय सिंह, डॉ आरबी सिंह, डॉ डीएम पांडेय, डॉ एचएस गुप्ता सहित संस्थान के वैज्ञानिक व कर्मचारी मौजूद थे.