संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिलने के बाद प्रभात खबर से विशेष बातचीत में मुकुंद ने कहा, कला-संगीत को मिला प्रोत्साहन
रांची : पद्मश्री मुकुंद नायक को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला है. उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति भवन स्थित दरबार हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यह पुरस्कार मिला. पुरस्कार मिलने के बाद मुकुंद नायक ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा : मुझे लगता है कि झारखंडी संगीत अौर कला को प्रोत्साहन मिला है. […]
रांची : पद्मश्री मुकुंद नायक को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला है. उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति भवन स्थित दरबार हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यह पुरस्कार मिला. पुरस्कार मिलने के बाद मुकुंद नायक ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा : मुझे लगता है कि झारखंडी संगीत अौर कला को प्रोत्साहन मिला है. यह अखड़ा परंपरा को सम्मान है. इस उपलब्धि के बाद हमलोगों की जिम्मेदारी और बढ़ गयी है.
श्री नायक ने कहा कि झारखंडी गीत, संगीत, संस्कृति को अौर निखारने तथा देश-विदेश में प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी आ गयी है.
मैं झारखंड के तमाम लोगों, अखड़ा परंपरा के वाहकों का आभार व्यक्त करता हूं. मुझे ऐसा लगता है कि झारखंडी संस्कृति, कला का प्रचार-प्रसार सिर्फ हम जैसे लोगों के भरोसे ही नहीं हो सकता, बल्कि इसमें सरकार की भी भूमिका होनी चाहिए.
सेनेगल में मिला अनूठा अनुभव : गौरतलब है कि मुकुंद नायक अौर उनकी टीम अफ्रीकी देश सेनेगल की राजधानी डकार में आयोजित तिरंगा महोत्सव में शिरकत करने के बाद दिल्ली पहुंची.
सेनेगल में उनकी टीम ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति दी. वहां के अनुभवों के बारे में मुकुंद नायक ने बताया कि यह भी एक अनूठा अनुभव था. वह ऐसा देश है, जहां 97 प्रतिशत लोग मुसलिम हैं. शेष तीन प्रतिशत में ईसाई अौर अन्य धर्मों के लोग हैं. लेकिन, वहां बिलकुल भी विद्वेष नहीं है.
सभी मिलकर रहते हैं. हमलोगों द्वारा दी गयी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को खूब पसंद किया. मैंने बताया कि हमारे यहां अखड़ा संस्कृति है. इसमें कोई दर्शक नहीं होता, बल्कि सभी की सहभागिता होती है. मेरा इतना कहना था कि सभी लोग खड़े हो गये अौर हमलोगों के साथ खूब नृत्य किया.