रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने की इस्तीफे की पेशकश, अमित शाह को पत्र में लिखा….
फरवरी के अंत तक निर्देश मांगा रांची : राज्य में सरकार के अंदर का विवाद खुल कर सामने आ गया है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ मंत्री सरयू राय का विवाद केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंच गया है़ रघुवर सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र […]
फरवरी के अंत तक निर्देश मांगा
रांची : राज्य में सरकार के अंदर का विवाद खुल कर सामने आ गया है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ मंत्री सरयू राय का विवाद केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंच गया है़
रघुवर सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिख कर इस्तीफे की पेशकश कर दी है़ भाजपा अध्यक्ष श्री शाह से इस्तीफे की अनुमति मांगते हुए फरवरी के अंत तक या उससे पूर्व निर्देश देने का आग्रह किया है़
राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे पत्र में श्री राय ने कहा है : रोज-रोज के खटपट, विवाद, कशमकश और शर्मिंदगी से मुझे छुटकारा मिले. असमंजस की स्थिति पैदा करने के बदले, स्वयं मंत्रिपरिषद से अलग होना चाहता हू़ं श्री राय ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है़ कहा कि सरकार में ऐसे कई कार्य हो रहे हैं, जिन्हें पचा पाना संभव नहीं है़
स्वाभिमान और प्रतिष्ठा के साथ इस मंत्रिपरिषद में रहना संभव नहीं हो पा रहा है़ मंत्री ने पत्र में लिखा है कि : मुख्यमंत्री की कार्यशैली, बात-व्यवहार, प्राथमिकताओं में बदलाव संभव नही है़
ऐसे में उनके अनुरूप ढलना मेरे लिए संभव नहीं है़ केंद्रीय नेतृत्व और राज्य नेतृत्व के पास इस बारे मे पहल करने का समय नहीं है, तो बेहतर होगा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष असमंजस की स्थिति पैदा करने के बदले स्वयं मंत्रिपरिषद से अलग हो जाऊं. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे पत्र में उल्लेख किया है कि चार अगस्त, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में मिला था़ इसके बाद 21 अगस्त 2017 को दिल्ली में पार्टी कार्यालय में आपसे (राष्ट्रीय अध्यक्ष) मुलाकात की थी़
प्रधानमंत्री से भी और आपसे भी मैंने झारखंड सरकार की असंतोषजनक कार्यप्रणाली के बारे में चर्चा की थी. मैंने अवगत कराया था कि झारखंड मंत्रिपरिषद का सदस्य बने रहने में मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही है.
इसलिए मै मंत्री पद से मुक्त होना चाहता हू़ं तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि मंत्री पद छोड़ना समस्या का हल नहीं है़ कोई कमी है, तो उसे दूर किया जायेगा़ उन्होंने मुझे आपसे मिलने के लिए कहा था़ मैं आपसे मिला, तो आपने धैर्य दिलाया कि 16-18 सितंबर 2017 को रांची के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान इस विषय का समाधान करेंगे. श्री राय ने पत्र में लिखा है कि आपके ( राष्ट्रीय अध्यक्ष) रांची प्रवास के बाद कुछ समय तक सब कुछ ठीक- ठाक रहा. परंतु आज की स्थिति उस समय से भी बदतर हो गयी है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में सरयू राय ने कहा
रोज-रोज के खटपट, विवाद, कशमकश और शर्मिंदगी से मुझे छुटकारा मिले
सरकार में ऐसे कई कार्य हो रहे हैं, जिन्हें पचा नहीं सकता. स्वाभिमान व प्रतिष्ठा के साथ मंत्री बने रहना संभव नहीं
मुख्यमंत्री की कार्यशैली, बात-व्यवहार में बदलाव संभव नही है, तो उनके अनुरूप ढलना मेरे लिए संभव नहीं
केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व के पास समय नहीं, मैं असमंजस की स्थिति पैदा नहीं करना चाहता, स्वयं हटना चाहता हूं
अगस्त 2017 में प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिला था, बताया था कि मंत्रिपरिषद में बने रहने में शर्मिंदगी हो रही है
आज स्थिति, उस समय से भी बदतर हो गयी है
आपसे मिलने दिल्ली आया था, आप बाहर हैं, इसलिए लिखित निवेदन कर रहा हूं. जब बुलायेंगे, हाजिर हो जाऊंगा
िकसी की आलाेचना करना मेरा मकसद नहीं
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शाह को भेजे पत्र में मंत्री ने कहा है : मैं समझता हूं कि हर व्यक्ति की अपनी कार्यशैली होती है, अपनी प्राथमिकताएं होती है, अपनी विशेषताएं होती हैं, खूबियां और खामियां होती हैं. मैं अंतर्मन से इसका समादर करता हूं. किसी की आलोचना करना मेरा मकसद नही है.
मुख्यमंत्री अपनी कार्यशैली, बात व्यवहार और प्राथमिकता में बदलाव नहीं कर सकते हैं, तो मेरे लिए भी उस पर ढलना मुश्किल है़ अंत में मंत्री श्री राय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से कहा : आपसे निवेदन करने दिल्ली आया था, पर आपके दिल्ली से बाहर रहने के कारण यह लिखित निवेदन आपकी प्रतिष्ठा में छोड़ जा रहा हू़ं आप जब भी आदेश करेंगे, हाजिर हो जाऊंगा.