रांची : आइएलएफएस ने मुरी रोड बनाने से किया इनकार
मनोज लाल रांची : इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएफएस) ने मुरी रोड बनाने से इन्कार कर दिया है. साथ ही पथ निर्माण विभाग को इससे अवगत भी करा दिया है. इस तरह अब रांची-मुरी रोड निर्माण का मामला लटक गया है. सरकार ने आइएलएफएस व जेएआरडीसीएल (झारखंड एक्सिलरेटेड रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) को ज्वायंट […]
मनोज लाल
रांची : इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएफएस) ने मुरी रोड बनाने से इन्कार कर दिया है. साथ ही पथ निर्माण विभाग को इससे अवगत भी करा दिया है. इस तरह अब रांची-मुरी रोड निर्माण का मामला लटक गया है.
सरकार ने आइएलएफएस व जेएआरडीसीएल (झारखंड एक्सिलरेटेड रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) को ज्वायंट वेंचर में यह काम दिया था. इन कंपनियों को ढाई साल में निर्माण करना था. लेकिन आइएलएफएस के मना करने के बाद इस पर मंथन किया जा रहा है कि इस सड़क का निर्माण कैसे होगा. पथ निर्माण विभाग अब नये सिरे से सड़क निर्माण की दिशा में कार्रवाई करेगा. हालांकि पूर्व में स्वीकृत योजना में बदलाव किया जा सकता है. पहले तीन लेन की सड़क बनानी थी. यानी मौजूदा सड़क को चौड़ी करनी थी.
2017 में स्वीकृति हुई थी योजना: यह योजना जून 2017 में स्वीकृत हुई थी. रांची-मुरी मार्ग पर 55 किमी तक निर्माण करना था. इस परियोजना की कुल लागत 479 करोड़ रुपये रखी गयी थी. इसमें सड़क निर्माण पर 369 करोड़ रुपये खर्च करने थे. शेष राशि जमीन अधिग्रहण सहित अन्य कार्यों में खर्च करने थे. कंपनी को करीब ढाई साल में इसका निर्माण करा लेना था.
रिंग रोड का किया है निर्माण : आइएलएफएस व जेएआरडीसीएल के ज्वायंट वेंचर में रिंग रोड फेज तीन, चार, पांच व छह का निर्माण कराया गया था.
जब फेज सात का निर्माण लटक गया था, तो इसकी जिम्मेदारी इन कंपनियों को दी गयी. इन कंपनियों के ज्वायंट वेंचर ने रिंग रोड फेज सात यानी कांठीटांड़ से करमा (विकास) तक सड़क का निर्माण किया. इंजीनियरों के मुताबिक आइएलएफएस अब यहां नयी परियोजना नहीं ले रही है, हालांकि मेंटेनेंस का काम वह कर रही है. 15 साल तक रिंग रोड के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी इस कंपनी की है.