रांची : झारखंड राज्य आरोग्य समिति ने पलामू के 20 निजी अस्पतालों को संबद्धता सूची (इंपैनल्ड लिस्ट) से हटा दिया है. इस संबंध में प्रभात खबर में चार फरवरी को छपी खबर के बाद इन सबको डीइंपैनल्ड किया गया है.
पलामू के सिविल सर्जन डॉ कलानंद मिश्र ने इस बात की पुष्टि की है. खबर में जिक्र था कि विभिन्न जिलों में वैसे अस्पताल भी सूचीबद्ध किये गये हैं, जो सरकार की तय शर्तों को पूरा नहीं करते तथा जिनके पास मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है.
शर्तें पूरी नहीं करने वाले पलामू के कई अस्पतालों में से 20 को सूची से हटाने का अनुमोदन किया गया था. पर 12 दिसंबर को हटाने के अनुमोदन के करीब डेढ़ माह बाद भी ये सभी अस्पताल सरकार की सूची में शामिल थे. इन्हें पहले कैसे सूचीबद्ध किया गया था, इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे रहा. सिविल सर्जन पलामू भी इस मामले में चुप हैं.
शर्त पूरी करने वाले भी बाहर : सूत्रों के अनुसार, कुल 20 अस्पतालों की सूची में से लांग लाइफ केयर अस्पताल सहित कुछ अन्य ऐसे भी अस्पताल हैं, जो आयुष्मान भारत से संबद्धता की तय शर्तें पूरी करते हैं.
लांग लाइफ को सभी संबंधित कागजात जमा न कर पाने के कारण हटाने की बात कही जा रही है, पर अस्पताल प्रबंधक ने 13 दिसंबर को ही जिले के उपायुक्त व सिविल सर्जन को अपना लिखित पक्ष भेजा था. इसमें कहा गया है कि ब्लड बैंक व एमसीयू संबंधी कागजात की मांग निरीक्षण टीम ने की थी, वह पहले ही जमा कर दी गयी है.
फिर भी उनके अस्पताल को सूची में शामिल नहीं किया गया है. यही नहीं इस अस्पताल ने डीइंपैनल्ड किये जाने से पहले जिन मरीजों का इलाज किया था, उसके एवज में अॉनलाइन जमा किये गये करीब 13 लाख का बिल डिलीट कर दिया गया है तथा भुगतान लंबित है. अब सिविल सर्जन ने कहा कि ऐसे अस्पताल सूचीबद्ध होने के लिए फिर से आवेदन दे सकते हैं.
संबद्धता सूची से हटाये गये पलामू के निजी अस्पताल : एसपीएस अस्पताल, जय मां जवाहरीय अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, सूर्या क्लिनिक, अजिजी अस्पताल, राजपति सेवा आश्रम, मां तारा सेवा क्लिनिक, लाइफ लाइन अस्पताल, लांग लाइफ अस्पताल, आर्यन अस्पताल, श्री लीलावती अस्पताल, हेल्थ केयर अस्पताल, हैप्पी क्लिनिक, आरोग्यम अस्पताल व रिसर्च सेंटर, शशि स्वास्थ्य संस्थान, डॉ सीके मिंज अस्पताल, मां गुलाबी सेवा सदन, विश्रामपुर मेडिकेयर अस्पताल, आनंद सेवा सदन तथा ललिता अस्पताल.