रांची : जिप सदस्य बोले, पहले हमारा मानदेय बढ़ायें, बाद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए खरीदें वाहन
रांची : जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए नये वाहन की खरीद के प्रस्ताव को जिला परिषद के सदस्यों ने ही खारिज कर दिया. सोमवार को जिला परिषद की मासिक बैठक परिषद के भवन में हुई थी. इसमें प्रस्ताव आया कि जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हमेशा क्षेत्र भ्रमण करते हैं. लेकिन, सरकार […]
रांची : जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए नये वाहन की खरीद के प्रस्ताव को जिला परिषद के सदस्यों ने ही खारिज कर दिया. सोमवार को जिला परिषद की मासिक बैठक परिषद के भवन में हुई थी. इसमें प्रस्ताव आया कि जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हमेशा क्षेत्र भ्रमण करते हैं.
लेकिन, सरकार द्वारा किसी प्रकार का वाहन नहीं उपलब्ध कराने से इन्हें काफी परेशानी होती है. इस पर परिषद के सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि हमें वर्तमान में 1500 रुपये मानदेय मिलता है. यह एक लेबर-कुली से भी कम है. पहले हमारा मानदेय 10 हजार रुपये किया जाये. उसके बाद ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए वाहन खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जायेगी. गौरतलब है कि विभाग ने जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को 7.50 लाख रुपये तक के वाहन खरीदने की अनुमति दी थी.
लेकिन, परिषद के सदस्यों ने ही इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. बैठक में अध्यक्ष सुकरा मुंडा, उपाध्यक्ष पार्वती देवी, डीडीसी सह जिला परिषद सचिव दिव्यांशु झा, अनिल टाइगर, मनोज लकड़ा, गौतम साहू, अमर उरांव, रामेश्वर नाथ शाहदेव, बंदे हेरेंज, रतिया गौंझू आदि उपस्थित थे.
कर्मचारियों के सातवें वेतन का प्रस्ताव भी हुआ खारिज
बैठक में जिला परिषद के कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों के समतुल्य सातवां वेतन देने का प्रस्ताव आया. इस पर भी परिषद के सदस्यों ने सवाल खड़ा किया. सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि जब हम अपने मानदेय बढ़ोतरी के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
लेकिन, हमें हमारा बढ़ा हुआ मानदेय नहीं मिल रहा है, तो आखिर कैसे इन कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ मिल सकता है. इसलिए जब तक सदस्यों का वेतन नहीं बढ़ जाता है, तब तक किसी को सातवां वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा.
पूर्व पीए की जिला परिषद में नो इंट्री
बैठक में जिला परिषद के एक पूर्व सदस्य जो एक बड़े जनप्रतिनिधि के पीए के रूप में कार्य कर रहे थे, उनकी गलत हरकतों को लेकर जमकर हंगामा हुआ. सदस्यों ने कहा कि वह पीए बनकर यहां अभियंताओं से वसूली करता है.
उन्हें टॉर्चर करता है, इसलिए जिला परिषद में उसके प्रवेश पर रोक लगे. परिषद के सदस्यों के इस मांग पर अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित डीडीसी ने कहा कि अब वह जिला परिषद में प्रवेश नहीं करेगा. उसके वाहन को भी इस कैंपस में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा.