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रांची : बालाश्रय में 2018 से ही बच्चों से हो रहा था यौनाचार, केस दर्ज

रांची : पंडरा ओपी क्षेत्र स्थित बालाश्रय में रहनेवाले चार किशोर ने वहीं के चार नाबािलग के साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दिया. इस संबंध में आठ फरवरी को सुखदेवनगर थाना में बालाश्रय की अधीक्षक डॉ स्मिता गुप्ता ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. उन्होंने थाना को दिये गये आवेदन में बताया है कि झारखंड […]

रांची : पंडरा ओपी क्षेत्र स्थित बालाश्रय में रहनेवाले चार किशोर ने वहीं के चार नाबािलग के साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दिया. इस संबंध में आठ फरवरी को सुखदेवनगर थाना में बालाश्रय की अधीक्षक डॉ स्मिता गुप्ता ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. उन्होंने थाना को दिये गये आवेदन में बताया है कि झारखंड महिला समाख्या सोसाइटी द्वारा संचालित आइटीअाइ के समीप स्थित बालाश्रय में अक्तूबर 2018 से बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार हो रहा था.
इस तरह की हरकत वहीं रहनेवाले चार किशोर कर रहे थे. गौरतलब है कि चारों किशोर ने वहां रहनेवाले छोटे बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया था. आरोपी चार में से दो किशोर को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है, जबकि दो को डुमरदगा स्थित रिमांड होम भेजा गया है़
आरोपी चारों किशोर की हुई काउंसलिंग, फिर भी नहीं सुधरे
यह मामला नवंबर 2018 में सीडब्ल्यूसी के संज्ञान में आया था. उस समय चारों किशोर की काउंसलिंग की गयी थी. लेकिन वे नहीं सुधरे. जब बच्चे उनसे तंग आ गये, तो उन्होंने बालाश्रय की संचालिका डाॅ स्मिता गुप्ता व अन्य कर्मचारियों को घटना की जानकारी दी.
इसके बाद डॉ स्मिता गुप्ता के बयान पर पंडरा ओपी में चार आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. इनमें से दो किशोर से जब पूछताछ की गयी, तो उन्होंने बताया कि मोबाइल से उन्होंने इस प्रकार की हरकत सीखी है़ इस मामले में 10 वर्ष के नीचे के कुछ भुक्तभोगी बच्चों का बयान भी दर्ज कराया गया है. बच्चों ने बताया कि डरा-धमका कर चारों अारोपी कंबल के अंदर इस प्रकार की हरकत करते थे़
अक्तूबर में जिन बच्चों को शिकार बनाया, उन्हें वहां से हटा दिया गया था
जानकारी के मुताबिक अक्तूबर 2018 में यौनाचार की शिकायत मिलने के बाद शिकार हुए बच्चों को वहां से हटा कर दूसरे शेल्टर होम में भेज दिया गया था.
लेकिन आरोपी चारों किशोर अब नये बच्चों को अपना शिकार बनाने लगे़ इसकी जानकारी मिलने के बाद डॉ स्मिता गुप्ता ने सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया. सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने कई बार आरोपी बच्चों को गलत काम नहीं करने के लिए समझाया. उस समय वे लोग हामी भर देते थे, लेकिन फिर वही गलत काम करने लगते थे.
जानकारी मिलने पर परेशान होकर बालाश्रय की संचालिका डॉ स्मिता गुप्ता ने पुलिस को सारी बात आवेदन के माध्यम से बताया. इधर, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने कहा कि अारोपियों को सुधारने के लिए रिमांड होम में रखा गया है.

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