शकील अख्तर
रांची : आयकर विभाग ने राज्य में कार्यरत सार्वजनिक व निजी कंपनियों के वैसे कर्मचारियों के रिटर्न की जांच करने का फैसला किया जिन्होंने 20 हजार रुपये या उससे अधिक रिफंड लिया है.
आयकर विभाग के इस फैसले से सीसीएल,बीसीसीएल, एचइसी, मेकन सहित अन्य कंपनियों के कर्मचारी जांच के दायरे में आ जायेंगे. विभाग ने फर्जी रिफंड घोटाले के मास्टरमाइंड का पता लगाये के लिए उन कंप्यूटरों का आइपी एड्रेस पता लगाने का निर्देश दिया है जिन कंप्यूटरों से रिटर्न दाखिल किया गया है. आयकर विभाग ने राज्य के सभी एसेसिंग अफसरों को इससे संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिया है.
बोकारो स्टील सिटी के कर्मचारियों द्वारा फर्जी रिफंड लेने की घटना पकड़ में आने के बाद आयकर विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने अन्य कंपनियों में इस तरह की गड़बड़ी की आशंका जतायी है. इसके बाद उक्त निर्णय लिया गया.
एसेसिंग अफसरों को भेजे गया दिशा निर्देश में कहा गया है कि 20 हजार से अधिक रिफंड लेनेवाले कर्मचारियों की वर्ष 2011-12 से 2017-18 तक की अवधि की जांच करें. जांच पड़ताल में फर्जी रिफंड लेने का मामला पाये जाने पर संबंधित करदाता पर नियमानुसार फाइन लगायें.
साथ ही ऐसे करदाताओं के खिलाफ सक्षम पदाधिकारी से अनुमति लेकर आयकर अधिनियम की धारा ‘276सीसी’ के तहत मुकदमा चलायें. वहीं जांच के दौरान उस कंप्यूटर का आइपी एड्रेस पता लगाये जिस कंप्यूटर से फर्जी रिटर्न दाखिल किया गया था. एसेसिंग अफसरों का जांच पड़ताल के दौरान राज्य में कार्यरत कंपनियों द्वारा दाखिल किये गये त्रिमासिक टैक्स कटौती से संबंधित ब्योरा(फार्म,24- क्यू) की जांच करें, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें कंपनी की भी संलिप्तता है या नहीं. जांच के दौरान फार्म 24-क्यू में गड़बड़ी पाये जाने पर कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.