सुनील चौधरी
15 जनवरी 2019 को सीएम ने 19 जनवरी से आरक्षण देने की घोषणा की थी
रांची : अधिसूचना जारी नहीं होने के कारण राज्य सरकार की घोषणा के बाद भी आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण झारखंड में लागू नहीं हो सका है.
अब सरकार इसे लागू करने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों ने बताया कि अगली कैबिनेट की बैठक में इसे लाया जा सकता है. इसके बाद राज्यपाल के पास भेज कर अध्यादेश जारी किया जायेगा. फिर विधानसभा में अध्यादेश को पारित कराया जायेगा.
कानूनी पेंच फंसा : 15 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री ने झारखंड में भी गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी. 19 जनवरी के बाद से इसे प्रभावी होना था. मुख्यमंत्री ने इस दिन संचिका पर साइन भी कर दिया था. प्रारंभ में इसे एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के आधार पर लागू करने की योजना थी.
हालांकि, जब कार्मिक विभाग द्वारा विधि विभाग से राय ली गयी, तो विधि विभाग ने कहा कि सिर्फ कैबिनेट से पारित करा कर एग्जीक्यूटिव ऑर्डर से यह लागू तो हो सकता है, पर कोर्ट में कोई भी इसे चुनौती दे सकता है. ऐसी स्थिति में बेहतर होगा कि अध्यादेश लाया जाये.
बताया गया कि झारखंड आरक्षण अधिनियम पूर्व से बना हुआ है. इसमें 50 प्रतिशत एसटी, एससी और ओबीसी को मिला हुआ है, शेष 50 प्रतिशत सामान्य वर्गों के लिए है. अब सरकार आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्गों के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना चाहती है. यह आरक्षण सामान्य वर्गों के लिए आरक्षित 50 प्रतिशत में से होगा. इसके लिए सरकार को अलग से अध्यादेश लाना होगा, जिसमें यह दर्ज होगा कि गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और 40 प्रतिशत आरक्षण सामान्य वर्गों के लिए होगा. इस सुझाव के बाद सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है.
कानूनी पेंच की वजह से अध्यादेश लायेगी सरकार
कार्मिक विभाग जुटा है तैयारी में
कार्मिक विभाग की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है. आरक्षण से संबंधित चार-चार फाइल तैयार की गयी है. इसमें झारखंड आरक्षण अधिनियम संशोधन विधेयक 2019 की एक फाइल है, जिसमें 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जा रहा है. जिसे विधि विभाग की मंजूरी के लिए भेजा गया है.
वहां से मंजूरी मिलते ही कैबिनेट में भेजा जायेगा. कैबिनेट से पारित होने के बाद सरकार राज्यपाल की मंजूरी लेकर अध्यादेश जारी कर देगी. अध्यादेश जारी होते ही गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण राज्य में प्रभावी हो जायेगा. हालांकि राज्य सरकार द्वारा अभी किसी भी प्रकार की नियुक्ति नहीं की जा रही है. कहा गया है कि यह आरक्षण प्रभावी होने के बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ायी जायेगी.
अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने कहा
जल्द अध्यादेश लायेगी झारखंड सरकार
कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केकेखंडेलवाल से जब इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कुछ कागजी कार्रवाई चल रही है. सरकार इसे पुख्ता तरीके से लागू करना चाहती है. प्रक्रिया चल रही है. बहुत जल्द ही अध्यादेश के रूप में सरकार इसे लागू करने जा रही है.
बिहार सरकार भी अधिनियम लायेगी
बिहार सरकार भी सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए बिहार विधानसभा के बजट सत्र में अधिनियम लाने जा रही है. 22 जनवरी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आरक्षण बिल को सदन में लाने का निर्देश दिया था. इसे वहां भी एक्ट के रूप में लाने की तैयारी चल रही है.