रांची : भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने इट राइट इंडिया अभियान शुरू किया है. यह अभियान सुरक्षित व पौष्टिक भोजन लेने से संबंधित है तथा इस बात की ताकीद करता है कि यदि स्वस्थ व बेहतर जीवन जीना हो, तो अपने भोजन में तेल,चीनी व नमक की मात्रा कम करें. ये चीजें ब्लड प्रेशर, शुगर व हृदय रोग जैसे गैर संचारी रोगों का स्रोत भी हैं.
एफएसएसएआइ के इस अभियान को वर्ल्ड बैंक भी सपोर्ट कर रहा है. इसी क्रम में बैंक के प्रतिनिधियों ने बुधवार को रांची के प्रेस क्लब में मीडिया सेंसेटाइजेशन कार्यक्रम आयोजित किया. बैंक की डॉ दीपिका आनंद ने बताया कि भारतीय अपने भोजन में तेल, नमक व चीनी अनुशंसित मात्रा से अधिक ले रहे हैं.
एक ओर चीनी, तेल व नमक की अधिकता से कई बीमारियां हो रही हैं. वहीं दूसरी अोर भोजन में मिनरल की कमी दूसरी बीमारियां पैदा कर रही है. इसके लिए नमक व दूध जैसे खाद्य में मिनरल मिलाया (फोर्टिफाइड) जा रहा है. नमक में आयोडिन के अलावा आयरन (डबल फोर्टिफाइड) भी मिलाया जा रहा है. डॉ आनंद ने बताया कि एफएसएसएआइ ने पांच चीजों नमक, आटा, चावल, खाद्य तेल व दूध को फोर्टिफाइड करने की अनुशंसा 2016 में ही की है, पर हर जगह अभी इसकी शुरुआत नहीं हुई है.
फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ के पैक पर डिजाइनदार एफ लिखा होता है. उपभोक्ताअों से ऐसे पैक लेने की ही अनुशंसा की जाती है. झारखंड जैसे राज्य में (जहां बच्चों में नाटापन, कम वजन व एनिमिक होने से भी इसका संबंध है) फोर्टिफाइड खाद्य जरूरी है. डॉ अानंद ने फिल्म की स्लाइड दिखाते हुए कहा कि हर व्यक्ति को तथा हर घर में अाज से ही तेल, नमक व चीनी कम खाने की पहल करनी चाहिए.