रांची : निदेशालय का काम बाधित न हो, इसलिए कर्मियों को रोका

रांची : निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य (डीआइसी) डॉ राजेंद्र पासवान ने स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव को अपना स्पष्टीकरण भेज दिया है. इसमें लिखा है कि निदेशालय के गठन के वक्त से ही सौंपे गये विभिन्न कार्य व विषयों के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों के कर्मी प्रतिनियुक्त रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें अचानक हटा देने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2019 9:23 AM
रांची : निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य (डीआइसी) डॉ राजेंद्र पासवान ने स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव को अपना स्पष्टीकरण भेज दिया है. इसमें लिखा है कि निदेशालय के गठन के वक्त से ही सौंपे गये विभिन्न कार्य व विषयों के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों के कर्मी प्रतिनियुक्त रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इन्हें अचानक हटा देने से निदेशालय के न्यायिक मामले, अंग प्रत्यारोपण अनापत्ति प्रमाण पत्र, चिकित्सा प्रतिपूर्ति विपत्रों को प्रतिहस्ताक्षरित करने, स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों के लिए दवा व उपकरणों के क्रय संबंधी कार्य तथा गरीब मरीजों के इलाज के लिए राशि निर्गत करने जैसे कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ता. वहीं इन कर्मियों के पास निदेशालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण संचिका व अभिलेख, जो उनके कार्यों से संबंधित हैं, रहती हैं. एेसे में किसी अन्य को प्रभार दिये बगैर इन कर्मियों को तुरंत विरमित करने से परेशानी होती.
इसी के मद्देनजर मैंने 11 फरवरी को इन कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश पर फिर से विचार करने तथा वैकल्पिक व्यवस्था होने तक प्रतिनियुक्ति बना रखने का अनुरोध किया था. पर विभाग की अोर से तत्काल कोई निर्णय न हो पाने के कारण ही मैंने प्रतिनियुक्त कर्मियों को अगले आदेश तक कार्य करते रहने को कहा था.
डीआइसी ने लिखा है कि सचिव विभाग के सर्वोच्च पदाधिकारी हैं तथा उनके आदेश की अवहेलना करने के बारे मैं सोच भी नहीं सकता हूं. पर प्रतिनियुक्त रद्द करने से उत्पन्न बाध्यकारी परिस्थिति के कारण विभाग ने विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों के कर्मियों के निदेशालय में कार्यरत होने के संबंध में एक अादेश जारी किया था. डीआइसी ने आग्रह किया है कि मुझे स्पष्टीकरण से मुक्त किये जाये.

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