रांची : अल्पसंख्यक व संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों की बर्खास्तगी जेपीएससी के अनुमोदन पर होगी

रांची : झारखंड में संबद्ध व अल्पसंख्यक कॉलेजों (जो राज्य सरकार द्वारा पोषित नहीं है) में शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की अनुशंसा पर शासी निकाय द्वारा की जायेगी. इन कॉलेजों में शिक्षकों की सेवा मुक्ति, सेवा समाप्ति, बर्खास्तगी, सेवानिवृत्ति या पदावनति शासी निकाय द्वारा जेपीएससी के परामर्श से परिनियम के अनुरूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2019 7:54 AM
रांची : झारखंड में संबद्ध व अल्पसंख्यक कॉलेजों (जो राज्य सरकार द्वारा पोषित नहीं है) में शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की अनुशंसा पर शासी निकाय द्वारा की जायेगी.
इन कॉलेजों में शिक्षकों की सेवा मुक्ति, सेवा समाप्ति, बर्खास्तगी, सेवानिवृत्ति या पदावनति शासी निकाय द्वारा जेपीएससी के परामर्श से परिनियम के अनुरूप की जायेगी. धर्म व भाषा के आधार पर संबद्ध अल्पसंख्यक कॉलेजों में भी यही नियम लागू होंगे.
राज्य सरकार ने झारखंड राज्य विवि की संशोधित अधिनियम का गजट प्रकाशित कर दिया है. परिनिंदा, वेतन वृद्धि की रोक या मेरिट अवरोध पार करना, आरोपों की जांच होने तक निलंबन की स्थिति में जेपीएससी की सलाह की जरूरत नहीं होगी. संशोधित अधिनियम के तहत विवि में सीनेट के आजीवन सदस्य कोई भी 10 लाख या समकक्ष मूल्य की संपत्ति विवि को देकर बन सकता है.
इसके अलावा अब ऐसा कोई भी व्यक्ति कुलपति के पद के लिए योग्य नहीं होगा, जो कि कुलाधिपति की राय में अपनी विद्वता तथा शैक्षणिक अभिरुचि के लिए विख्यात नहीं हो. साथ ही कुलपति बनने के लिए सरकार या विवि के स्तर पर प्रशासनिक अनुभव आवश्यक होगा.
सर्च कमेटी करेगी कुलपति का चयन : कुलपति का चयन सर्च कमेटी के आधार पर तीन या पांच नाम वाले पैनल से एक सार्वजनिक अधिसूूचना या मनोनयन या एक टैलेंट सर्च प्रक्रिया या इन दोनों विधियों की प्रक्रिया के तहत चिह्नित किया जायेगा. सर्च कमेटी के सदस्य किसी भी रूप में संबंधित विवि से या उसके कॉलेज से संबद्ध नहीं होंगे.
सर्च कमेटी में कुलाधिपति द्वारा नामित एक व्यक्ति, जो कि समिति के अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा कुलाधिपति द्वारा नामित एक प्रख्यात शिक्षाविद्, राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करनेवाले एक पदाधिकारी सदस्य होंगे. संशोधित अधिनियम के तहत कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति द्वारा राज्य सरकार के परामर्श से की जायेगी. सर्च कमेटी द्वारा अनुशंसित पैनल एक वर्ष के लिए वैध होगा.
कुलपति की नियुक्ति अवधि तीन वर्ष की होगी. कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्य सरकार के परामर्श से कुलाधिपति द्वारा पुन: नियुक्त किये जा सकेंगे. साथ ही वे कुलाधिपति की इच्छा पर पद पर अधिकतम तीन वर्ष तक आसीन रह सकेंगे. कुलपति के पद पर आवेदन के लिए आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होगी. कार्यकाल समाप्त होने के बाद कुलाधिपति की इच्छा पर अधिकतम तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो पहले हो के लिए किया जा सकेगा. कुलाधिपति राज्य सरकार के परामर्श से प्रतिकुलपति की भी नियुक्ति कर सकेंगे.
झारखंड सरकार ने विवि की संशोधित अधिनियम की अधिसूचना जारी की
झारखंड-बिहार के पहला महिला विवि की अधिसूचना जारी
रांची : झारखंड-बिहार के पहले महिला विश्वविद्यालय की स्थापना जमशेदपुर में हो गयी. झारखंड की राज्यपाल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम 2018 तथा झारखंड अधिनियम 06, 2019 पर अपनी स्वीकृति दे दी. विधि विभाग ने इस अधिनियम को लागू होने की अधिसूचना 13 फरवरी 2019 की तिथि से 15 फरवरी 2019 को जारी कर दी.
संशोधित अधिनियम में राज्य विवि में कुलपतियों, प्रति कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी पहली बार स्पष्ट प्रावधान किये गये हैं. इसके अलावा जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज को जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में अपग्रेड कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महिला विश्वविद्यालय का ऑनलाइन शिलान्यास गत तीन फरवरी को किया.
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार की ओर से कुल 89.26 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इसमें राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अवयव-1 के अंतर्गत केंद्र सरकार की ओर से 55 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये. इसमें से 33 करोड़ रुपये केंद्रांश तथा 22 करोड़ रुपये राज्यांश के रूप में प्राप्त होंगे.
इसके अलावा राज्य सरकार ने अपनी तरफ से महिला विवि के लिए 34 करोड़ रुपये प्रदान किये हैं. जमशेदपुर महिला विवि के दो अलग-अलग कैंपस होंगे. इसमें पहला कैंपस जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के बिष्टुपुर स्थित परिसर में होगा. दूसरा कैंपस नये भवन के साथ सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर के समीप जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध करायी गयी जमीन पर होगा.

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