रांची : सरकार का आदेश भी नहीं मान रहे हैं बीडीओ

रांची : राज्य के कई प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. ये पंचायती राज सचिव व अपने जिले के उपायुक्तों की बात भी नहीं मान रहे. राजधानी रांची में भी यही हाल है. गौरतलब है कि बीडीओ ही पंचायती राज व्यवस्था में इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइअो) हैं. दरअसल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2019 9:15 AM
रांची : राज्य के कई प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. ये पंचायती राज सचिव व अपने जिले के उपायुक्तों की बात भी नहीं मान रहे. राजधानी रांची में भी यही हाल है. गौरतलब है कि बीडीओ ही पंचायती राज व्यवस्था में इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइअो) हैं.
दरअसल पंचायत राज सचिव प्रवीण टोप्पो ने चार जनवरी को ही सभी उपायुक्तों को पत्र लिख कर बताया था कि पंचायत के लिए संविदा पर लेेखा लिपिक सह कंप्यूटर अॉपरेटर की नियुक्ति की गयी है. प्रति तीन पंचायत के लिए एक अॉपरेटर (4562 पंचायत के हिसाब से करीब 1500) रखे गये हैं.
इन्हें मानदेय (प्रति माह 10 हजार रुपये) का भुगतान पंचायतों को मिल रही 14वें वित्त आयोग की राशि से होता है. पर इन ऑपरेटरों को करीब एक वर्ष पहले प्रखंड सहित अन्य कार्यालयों में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. यह उनकी सेवा शर्तों व पंचायत के हितों के खिलाफ है.
सचिव ने लिखा था कि एक सप्ताह के अंदर सभी अॉपरेटरों की प्रतिनियुक्ति विभिन्न कार्यालयों से रद्द कर उन्हें पंचायतों में पदस्थापित किया जाये, लेकिन सचिव तथा इसके बाद उपायुक्तों के कहने पर भी रांची के खलारी, बेड़ो, इटकी, नगड़ी, रातू, कांके व अनगड़ा सहित विभिन्न प्रखंडों के बीडीअो अपने यहां पदस्थापित अॉपरेटरों को विरमित नहीं कर रहे हैं. सचिव ने अपनी चिट्ठी में यह भी स्पष्ट कर दिया था कि पंचायतों को छोड़ अन्यत्र कहीं भी कार्य करने पर इन अॉपरेटरों को मानदेय नहीं मिलेगा.
वहीं किसी अधिकारी द्वारा इन अॉपरेटरों को पंचायत के अलावा कहीं अन्य प्रतिनियुक्त करना या रखना सरकारी आदेश की अवहेलना मानी जायेगी. यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि इन ऑपरेटरों की उपस्थिति विवरणी संबंधित ग्राम पंचायत के मुखिया देंगे.
इस तरह किसी ऑपरेटर को कार्य के लिए निर्धारित तीन पंचायतों के मुखिया द्वारा उनकी उपस्थिति विवरणी उपलब्ध कराने पर ही पंचायती राज पदाधिकारी इन अॉपरेटरों को मासिक भुगतान करेंगे. पंचायती राज भवन (सचिवालय) में इन अॉपरेटरों के नाम, मोबाइल नंबर व कार्य दिवस के बारे में बड़े अक्षरों में लिख कर सार्वजनिक करना है. पर इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है.

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