रांची : झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने 6 विधायकों (रणधीर सिंह, अमर बाउरी, नवीन जायसवाल, जानकी यादव, गणेश गंझू और आलोक चौरसिया) के कथित दलबदल मामले में बुधवार को अपना फैसला सुना दिया. स्पीकर दिनेश उरांव ने किसी भी विधायक की सदस्यता रद्द करने से इन्कार कर दिया. स्पीकर ने कहा कि विधायकों ने दल-बदल नहीं किया. पार्टी का दूसरी पार्टी में विलय हुआ है. यह अवैध नहीं है.
मामला चार साल पहले बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के छह विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से जुड़ा है. संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत झाविमो से भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों के दलबदल मामले में स्पीकर फैसला सुनाया. स्पीकर के न्यायाधिकरण में चार साल तक छह विधायकों के दलबदल मामले की सुनवाई चली. 12 दिसंबर, 2018 को स्पीकर ने सुनवाई पूरी की. उस दिन फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
वादी (बाबूलाल मरांडी व प्रदीप यादव) और प्रतिवादी (दलबदल के आरोपी सभी छह विधायक) को फैसला सुनाये जाने की जानकारी पहले ही दे दी गयी थी. ज्ञात हो कि वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव के बाद झाविमो में बड़ी टूट हुई थी़ झाविमो के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे आये आठ में से छह विधायक भाजपा में शामिल हो गये़ इसके बाद झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने फरवरी, 2015 में स्पीकर के पास आवेदन देकर पार्टी सिंबल से चुनाव जीतने वाले छह विधायकों के भाजपा शामिल होने के बाद दलबदल का मामला चलाने का आग्रह किया था़
स्पीकर ने दोनों आवेदन को मेंटेनेबल मानते हुए सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की थी़ चार वर्ष में 70 से ज्यादा लोगों की गवाही हुई. झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव सहित सभी आरोपी विधायकों की गवाही स्पीकर के न्यायाधिकरण में हुई़ स्पीकर ने सुनवाई के लिए 97 तिथियां निर्धारित कीं.
पूरा मामला : तारीख-दर-तारीख
9 फरवरी, 2015: झाविमो के बागी विधायकों ने स्पीकर को पत्र लिख कर अलग बैठने की मांग की
10 फरवरी, 2015: झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने पत्र लिख कर चार विधायकों के दलबदल करने के मामले में कार्रवाई की मांग की
11 फरवरी, 2015: दूसरे दिन झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने दो और विधायकों पर दल बदल के तहत कार्रवाई की मांग की़
12 फरवरी, 2015: स्पीकर ने झाविमो नेताओं को पक्ष रखने के लिए बुलाया़
25 मार्च, 2015: याचिक को सुनवाई योग्य मानने को लेकर बहस शुरू हुई़
12 दिसंबर, 2018: दलबदल पर स्पीकर के न्यायाधिकरण में आखिरी सुनवाई हुई़ फैसला सुरक्षित रख लिया.