रांची: भारतीय ज्ञान परंपरा में एक युग का अंत

नामवर सिंह के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने जताया शोक रांची-नयी दिल्ली : हिंदी साहित्य के प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने दुख जताया है. हरिवंश ने अपने शोक संदेश में कहा है कि नामवर सिंह का जाना हिंदी साहित्य समेत संपूर्ण भारतीय साहित्य जगत के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2019 8:46 AM
नामवर सिंह के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने जताया शोक
रांची-नयी दिल्ली : हिंदी साहित्य के प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह के निधन पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने दुख जताया है. हरिवंश ने अपने शोक संदेश में कहा है कि नामवर सिंह का जाना हिंदी साहित्य समेत संपूर्ण भारतीय साहित्य जगत के लिए बड़ी क्षति तो है ही, यह मेरे लिए निजी क्षति भी है. उनसे वर्षों से निकटवर्ती व आत्मीय संबंध रहा. साहित्य से इतर भारतीय परंपरा, संस्कृति, इतिहास समेत तमाम विषयों पर उनका ज्ञान उन्हें अपने आप में एक युग बनाता था.
हरिवंश ने कहा कि उनका जाना, भारतीय ज्ञान परंपरा में एक युग का अवसान है. उनका व्यक्तित्व-कृतित्व हमेशा उन्हें लोक-स्मृतियों में जीवंत रखेगा.
वे वर्तमान समय में एक व्यक्ति रूप में मुकम्मल संस्थान और इनसाइक्लोपीडिया थे. हिंदी साहित्य के सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक आयाम को अपार विस्तार देने में उनकी भूमिका को हमेशा महत्वपूर्ण माना जायेगा. वे किसी विषय पर घंटों बोलते थे और जिस विषय पर बोलते, हमेशा लगता कि वे उसके विश्व-स्तर के जानकार और विशेषज्ञ हैं. बीएचयू में जब वे हिंदी के प्राध्यापक थे, तो उनका लेक्चर सुनने के लिए हिंदी साहित्य से इतर विज्ञान व दूसरे संकाय-विभाग के छात्र भी उनकी कक्षा में पहुंचते थे. विश्व साहित्य की उनकी जानकारी और इतिहास, समाज, राजनीति और लोक परंपरा का ज्ञान उन्हें साहित्य के आलोचक के साथ ही एक विशिष्ट, मौलिक चिंतक, विचारक बनाता था.
न जाने उन्होंने कितने संस्थानों को खड़ा करवाया, न जाने उन्होंने कितने युवाओं को साहित्य अध्ययन से जोड़ अध्यापन की दुनिया के लिए तैयार किया.

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