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रांची : रिम्‍स में जूनियर डॉक्टरों की गुंडागर्दी, नवजात की मां व मीडियाकर्मी को पीटा

रांची : जूनियर डॉक्टरों ने एक बार फिर रिम्स की छवि धूमिल की है. शुक्रवार को शिशु रोग विभाग में भर्ती नौ माह के बच्चे की मौत के बाद उसके परिजन डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कुछ अपशब्द कह दिये. इस पर जूनियर डॉक्टरों ने बच्चे की मां और उसके परिजन […]

रांची : जूनियर डॉक्टरों ने एक बार फिर रिम्स की छवि धूमिल की है. शुक्रवार को शिशु रोग विभाग में भर्ती नौ माह के बच्चे की मौत के बाद उसके परिजन डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कुछ अपशब्द कह दिये. इस पर जूनियर डॉक्टरों ने बच्चे की मां और उसके परिजन से मारपीट शुरू कर दी.

इस घटना का कवरेज कर रहे एक मीडियाकर्मी से भी जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की है. इस घटना में पैथोलॉजी विभाग के पीजी डॉ चंद्रभूषण और डेंटल कॉलेज के द्वितीय वर्ष के कुछ विद्यार्थियों का नाम सामने आया है. इसकी सूचना स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी तक पहुंच गयी है. उन्होंने रिम्स निदेश को इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है.

जानकारी के अनुसार पिस्का मोड़ निवासी धीरज प्रसाद साहू के नौ माह के बच्चे को सांस की समस्या थी. गुरुवार रात उसे रिम्स के शिशु रोग विभाग में भर्ती कराया गया था. डाॅक्टर बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण की आशंका जता रहे थे, लेकिन अब तक उसकी जांच नहीं हो पायी थी. इलाज के दौरान शुक्रवार को दोपहर 12 बजे मौत हो गयी. इसके बाद परिजन लापरवाही का आरोप लगाते हुए जूनियर डॉक्टर को अपशब्द कह दिये. इसके बाद जूनियर डॉक्टर आपा खो दिया और बच्चे के मामा पर हाथ चला दिया.
घटना की सूचना मिलते ही दो मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे. वह घटना की फोटो खींचने लगे, जिससे जूनियर डॉक्टर और भड़क गये. उन्होंने फोन कर पैथोलॉजी के पीजी डॉ चंद्रभूषण काे बुला लिया. वह आते ही मीडियाकर्मी से हाथापाई करने लगा. उसने डेंटल कॉलेज के स्टूडेंट को भी बुला लिया, जो मीडियाकर्मी से मारपीट करने लगे.
जूनियर डॉक्टरों ने पीछा कर परिजनों को पीटा
इस बीच परिजन भाग कर इमरजेंसी में बने पुलिस पिकेट में पहुंचे, तो लगभग दर्जन भर मेडिकल छात्र पीछे-पीछे वहां भी पहुंच गये और परिजन के साथ मारपीट की. उनका मोबाइल छीनकर वीडियो और फोटो डिलीट कर दिया. परिजन संतोष ने बताया कि पूरी रात कोई डॉक्टर उनके बच्चे को देखने नहीं आया.
नर्स से बच्चे को देखने की गुजारिश करते, तो वह कहती, यहां केवल वहीं बच्चा नहीं है, सबको देखना है. मौत के बाद वे लोग केवल यह पूछने गये थे कि रात में कौन डॉक्टर ड्यूटी पर थे. उनका नाम बता दीजिए, ताकि वह व्यवस्था को लेकर सरकार व रिम्स में शिकायत कर सकें. इसी बात को लेकर वे लोग भड़क गये. जूनियर डॉक्टरों ने उसे, तो मारा ही बच्चे की मां पूजा देवी को भी मारा है.
मूक दर्शक बने रहे सैप जवान व निजी सुरक्षाकर्मी
हैरानी की बात यह है कि मौके पर रिम्स के निजी सुरक्षाकर्मी और सैप के जवान भी मौजूद थे, लेकिन ये लोग भी मूकदर्शक बने रहे. घटना की सूचना मिलने पर रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह मौके पर पहुंचे. लेकिन, तब तक पीजी स्टूडेंट वहां से चले गये थे.
  • मारपीट की सूचना स्वास्थ्य सचिव तक पहुंची, उन्होंने रिम्स निदेशक को सख्त कार्रवाई करने को कहा
  • निदेशक ने घटनाक्रम का वीडियो फुटेज सीज कराया, कहा : दोषी को बख्शा नहीं जायेगा
  • द्वितीय वर्ष के कुछ डेंटल स्टूडेंट छवि खराब कर रहे
बच्चे के परिजन और मीडियाकर्मी से मारपीट करनेवाले विद्यार्थी वही हैं, जिन्हें किसी तरह सप्लीमेंट्री देकर इंटरनल एग्जाम में पास कराया गया था. पीजी स्टूडेंट डॉ चंद्रभूषण पर भी कई आरोप लगते रहे हैं. वह डेंटल कॉलेज के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को लेकर अक्सर हंगामा करता है.
मरीज की मौत पर परिजन आपा खो देते हैं. जूनियर डॉक्टरों को सहनशील होना चाहिए. हाथ उठाना गलत है. दोपहर दो से तीन बजे तक का फुटेज सीज करा दिया गया है. जांच की जायेगी और विद्यार्थी पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. जिस विद्यार्थी का नाम आ रहा है, उसकी छवि खराब है. मुझे भी लगातार शिकायत मिल रही है.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक, रिम्स

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