रांची : पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए शिक्षा परियोजना ने राज्य सरकार से 200 करोड़ रुपये की मांग की है. इससंबंध में राज्य परियोजना कार्यालय ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है. राज्य के पारा शिक्षकों को अक्तूबर के बाद से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. इस दौरान लगभग दो माह पारा शिक्षक हड़ताल पर थे. शिक्षकों की हड़ताल अवधि के मानदेय का भुगतान नहीं किया जायेगा. हड़ताल से पूर्व व हड़ताल से लौटने के बाद के मानदेय का भुगतान बकाया है.
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगभग 23 हजार पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान के लिए राशि परियोजना को नहीं दी. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के सृजित पद रिक्त हैं. राज्य सरकार इन पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति करे.
केंद्र सरकार द्वारा पहले भी प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति का निर्देश दिया गया था. केंद्र सरकार ने परियोजना को वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगभग 250 करोड़ कम दिये. राज्य परियोजना कार्यालय की ओर 67 हजार पारा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान किया गया है. अब जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है, परियोजना ने राज्य सरकार से मानदेय के लिए राशि की मांग की है. राज्य सरकार से राशि प्राप्त होने के बाद पारा शिक्षकों को मानदेय का भुगतान किया जायेगा.
एक जनवरी से मानदेय में हुई है बढ़ोतरी
राज्य के पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी की गयी है. शिक्षकों को बढ़े हुए मानदेय का भुगतान एक जनवरी 2019 से किया जायेगा. इसके लिए भी परियोजना ने राज्य सरकार से राशि की मांग की है. राज्य के पारा शिक्षकों का अब अधिकतम मानदेय 15 हजार रुपये हो गया है. पारा शिक्षकों के मानदेय में अधिकतम 4836 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ोतरी से सरकार पर सालाना लगभग 250 करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा.
होली से पहले मानदेय भुगतान होने की संभावना
राज्य के पारा शिक्षकों के बकाया मानदेय का भुगतान होली से पहले हाेने की संभावना है. इधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे ने कहा है कि पारा शिक्षकों को नवंबर से मानदेय नहीं मिला है. हड़ताल के बाद पारा शिक्षकों को काम पर लौटे डेढ़ माह से अधिक हो गये, पर अब तक मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. पारा शिक्षक आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं.