रांची : संसदीय चुनाव के मद्देनजर झारखंड वन अधिकार मंच ने जन घोषणा पत्र (पीपुल्स मेनिफेस्टो) जारी किया और राजनीतिक दलों से इन मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की़ वन निवासियों के मामले में पर सुप्रीम कोर्ट का हालिया आदेश भी बहस का मुद्दा बना, जिस पर कई दल के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से इसमें हस्तक्षेप की मांग की़ विरोध के लिए साझा रणनीति पर भी बल दिया़ लगभग सभी विपक्षी दलों ने जन घोषणा पत्र के मुद्दों से सहमति जतायी़
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जन घोषणा पत्र में शामिल सभी मुद्दे झामुमो के घोषणा पत्र में पहले से है़ं काॅरपोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार संवैधानिक प्रावधान सुनिश्चित नहीं कर रही है़ वन अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट में एकतरफा फैसला होने दिया गया़ यह देश की देशज आबादी को समाप्त करने की बड़ी साजिश है़
2019 का चुनाव निर्णायक होगा, जो भविष्य के लिए नीतियां बदल सकते है़ं यह चुनाव झारखंड और झारखंड विरोधी मानसिकता की लड़ाई होगी़ कांग्रेस के जयप्रकाश गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस के समय में कभी भी अनुसूचित क्षेत्र में कमी नहीं की गयी़ झारखंड वन अधिकार मंच को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर इंटरवीन करना चाहिए़ आदिवासियों को भी इन मुद्दों पर जागरूक करने की जरूरत है़
भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि वनाधिकार कानून के तहत सबसे कम पट्टा झारखंड में मिला है, जबकि यहां आदिवासियों की बड़ी आबादी है़ केंद्र व राज्य की सरकार जनविरोधी है़ं राजद के डॉ मनोज यादव, जेवीएम की शोभा यादव, माले के शुभेंदु सेन व आम आदमी पार्टी के पवन व राजन ने भी विचार रखे. प्रेस क्लब में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन सुधीर पाल ने किया.