रांची : सीट बेल्ट और हेलमेट नहीं लगाने से ही होती हैं 80 फीसदी से ज्यादा मौतें

रांची : झारखंड में सड़क दुर्घटना से हर वर्ष अौसतन करीब तीन हजार लोगों की मौत होती है. परिवहन विभाग से संबद्ध सड़क सुरक्षा सेल ने वर्ष 2018 में जनवरी से दिसंबर के दौरान हुए कुल मौत का विश्लेषण किया है. उसकी रिपोर्ट के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त चार पहिया वाहनों से हुई 83 फीसदी मौत के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2019 2:05 AM

रांची : झारखंड में सड़क दुर्घटना से हर वर्ष अौसतन करीब तीन हजार लोगों की मौत होती है. परिवहन विभाग से संबद्ध सड़क सुरक्षा सेल ने वर्ष 2018 में जनवरी से दिसंबर के दौरान हुए कुल मौत का विश्लेषण किया है. उसकी रिपोर्ट के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त चार पहिया वाहनों से हुई 83 फीसदी मौत के मामले में चालक व सवार ने सीट बेल्ट नहीं बांध रखा था. वहीं, सड़क दुर्घटना में मरे 85 फीसदी दोपहिया वाहन चालकों व सवार ने हेलमेट नहीं पहना था.

दरअसल, सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों से ही हो रही हैं. कुल दुर्घटनाओं में से 33 फीसदी मामले दोपहिया वाहनों के होते हैं. ज्यादा इंजन क्षमता (अधिक सीसी) वाली बाइक लेकर अोवर स्पीड चलना, ऊपर से हेलमेट भी न पहनना भारी पड़ रहा है. यातायात नियमों को तोड़ने के जो मामले पकड़ में आये हैं, उनमें से 86 फीसदी अोवर स्पीड (दोपहिया व चारपहिया वाहन दोनों) के हैं. यहां सड़क सुरक्षा सेल की रिपोर्ट के आंकड़े दिये जा रहे हैं.

दुर्घटना ग्रस्त हुए वाहन
दोपहिया वाहन : 33 फीसदी
हल्के चारपहिया वाहन : 18 फीसदी
ट्रक-लॉरी : 18 फीसदी
मालवाहक टेंपो-ट्रैक्टर : आठ फीसदी
सवारी अॉटो : छह फीसदी
हेवी लॉरी : पांच फीसदी
अन्य वाहन : चार फीसदी
साइकिल : तीन फीसदी
कहां हुई दुर्घटना
नेशनल हाइवे : 23 फीसदी
स्टेट हाइवे : 14 फीसदी
खुली जगह : 21 फीसदी
आवासीय परिसर : 11 फीसदी
मार्केट एरिया : सात फीसदी
इंस्टीट्यूशनल एरिया : एक फीसदी
अन्य सड़कें : 23 फीसदी
(अन्य सड़कों में ग्रामीण सड़कें
भी शामिल हैं)
ट्रैफिक रूल का उल्लंघन
अोवर स्पीड : 86 फीसदी
रांग साइड चलना : सात फीसदी
शराब पीकर गाड़ी चलाना : चार फीसदी
गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन का इस्तेमाल : तीन फीसदी

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