रांची : आयुष्मान भारत के गोल्डेन कार्ड के बाद भी रानी अस्पताल ने वसूले 70 हजार, 2.10 लाख देने का आदेश

सुनील चौधरी रांची : आयुष्मान भारत : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजय) में मरीजों से पैसे लेने, खाना न देने, मरीजों को गलत जानकारी देने के आरोप में रांची के नागरमल मोदी सेवा सदन को आयुष्मान भारत योजना से निलंबित कर दिया गया है. वहीं, इसी आरोप में रामगढ़ के पीवीटीजी हास्पिटल का लाइसेंस भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2019 8:56 AM
सुनील चौधरी
रांची : आयुष्मान भारत : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजय) में मरीजों से पैसे लेने, खाना न देने, मरीजों को गलत जानकारी देने के आरोप में रांची के नागरमल मोदी सेवा सदन को आयुष्मान भारत योजना से निलंबित कर दिया गया है. वहीं, इसी आरोप में रामगढ़ के पीवीटीजी हास्पिटल का लाइसेंस भी निलंबित किया गया है.
इधर, राजधानी के रानी अस्पताल द्वारा इलाज के नाम पर 70 हजार रुपये लिये जाने की शिकायत पीएम से की गयी थी. इस मामले में विभाग द्वारा रानी अस्पताल को शो कॉज नोटिस जारी कर तीन गुना (2.10 लाख रुपये) मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है. इस बाबत स्वास्थ्य विभाग झारखंड के उपसचिव सह झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के अपर कार्यकारी निदेशक अभिषेक श्रीवास्तव ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस भेज दिया है. इसी तरह के आरोप में हजारीबाग के आरोग्यम मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
70 हजार रुपये रानी अस्पताल ने लिए, पीएम तक पहुंची थी शिकायत : रानी अस्पताल रांची के निदेशक को जारी शो कॉज नोटिस में कहा गया है कि सुभद्रा देवी द्वारा प्रधानमंत्री से शिकायत की गयी थी कि उसके बच्चे का इलाज आपके अस्पताल में जनवरी और फरवरी 2019 में हुआ.
गोल्डेन कार्ड देने के बावजूद लाभुक से 70 हजार रुपये अस्पताल ने लिये. आयुष्मान भारत के लिए हुए एमओयू के तहत इसे गंभीर और मरीज के साथ धोखाधड़ी का मामला बनता है. अस्पताल प्रबंधन को लाभुक मरीज से लिये गये पैसे का तीनगुना 2.10 लाख रुपये सात दिनों के अंदर भुगतान कर जवाब देने का निर्देश दिया गया है. ऐसा न किये जाने पर अस्पताल को पीएमजय योजना की लिस्ट सस्पेंड किये जाने की चेतावनी भी दी गयी है.
दो अस्पताल का लाइसेंस निलंबित : विभाग द्वारा सेवा सदन रांची और पीवीटीजी को जारी पत्र में लिखा गया है कि एबी पीएमजय और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एग्रीमेंट का पालन अस्पताल द्वारा नहीं किया गया है. एग्रीमेंट के तहत योजना में सेवा देनेवाले अस्पतालों की अॉडिट कराने का अधिकार विभाग को है. अॉडिट टीम ने वहां विजिट किया था. अॉडिट के दौरान कई अनियमितताएं पायी गयीं, जिसमें आयुष्मान भारत का बोर्ड न लगाना, लाभुक मरीजों से जांच के नाम पर पैसे मांगना, खाना न देना जैसा अनियमितता पायी गयी. इसके बाद विभाग द्वारा प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. जवाब से संतुष्ट न होने के बाद विभाग की टीम ने अगले आदेश तक हाॅस्पिटल को निलंबित कर दिया है.
पत्र में लिखा गया है कि एग्रीमेंट के तहत स्टेट हेल्थ एजेंसी को इम्पैनल्ड अस्पताल को हटाने की दिशा में भी काम करने का अधिकार देता है. अस्पताल प्रबंधन को कहा गया है कि फिलहाल एबी पीएम जय के तहत किसी को भी गोल्डन कार्ड 26 फरवरी की तिथि से निर्गत नहीं करे. यदि कोई मरीज योजना के तहत इलाज कराने भी आता है, तो उसे दूसरे नामित अस्पताल में भेजा जाये.
हजारीबाग के अस्पताल में गड़बड़ी : विभाग के उपसचिव अभिषेक श्रीवास्तव ने आरोग्यम मल्टी स्पेशियालिटी हॉस्पिटल हजारीबाग को जारी जारी शो कॉज नोटिस में लिखा गया है कि 13 फरवरी को विभाग की अॉडिट टीम वहां गयी थी. वहां एपी पीएमजय की सूचना के बाबत कोई प्रचार-प्रसार नहीं था. कियोस्क प्रथम तल की जगह दूसरे तल पर था. लाभुकों को गलत जानकारी दी जा रही थी.
डॉक्टरों परामर्श लेने और जांच कराने के नाम पर लाभुक मरीजों से पैसे मांगे गये हैं. लाभुकों को भोजन भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इन कारणों को आधार बनाते हुए अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है

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