जमीन का ऑनलाइन निबंधन, सुरक्षित डाटा की गारंटी
रांची : जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाने के लिए भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भारत सरकार की एजेंसी नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरएस) के सहयोग से नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है. राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने शुक्रवार को राजधानी में एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर की लांचिंग […]
रांची : जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाने के लिए भू-राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भारत सरकार की एजेंसी नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरएस) के सहयोग से नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है.
राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने शुक्रवार को राजधानी में एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर की लांचिंग की. यह सॉफ्टवेयर राज्य में भूमि निबंधन के लिए काम करेगा. इस सॉफ्टवेयर माध्यम से जमीन का निबंधन ऑनलाइन किया जायेगा. डाटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा.
इस सॉफ्टवेयर की खासियत यह है कि विवादित जमीन और गैर मजरुआ आम जमीन का निबंधन स्वीकार नहीं करेगा. एनआइसी के सहयोग से विभाग ने राज्य का सर्वे कर डेटा तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर से आधार कार्ड, रजिस्ट्रर-2, पैन-कार्ड का भी सत्यापन किया जायेगा.
1970 तक के निबंधित दस्तावेज को खोजा जा सकता है : श्री बाउरी ने कहा कि झारखंड देश का इकलौता राज्य है, जहां महिलाओं को घर या जमीन की मालकिन बनाने के लिए केवल एक रुपये में 50 लाख रुपये तक की संपत्ति का निबंधन कराया जाता है.
उन्होंने बताया कि राज्य के 42 निबंधन कार्यालय कंप्यूटरकृत हैं. निबंधन कार्यालयों का इंटीग्रेशन अंचल कार्यालयों के साथ स्थापित है. दस्तावेज निबंधित होते ही अंचल को ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है.
निबंधन के लिए सभी तरह का भुगतान ऑनलाइन करने की सुविधा दी गयी है. ऑनलाइन सर्च मॉड्यूल के जरिये 1970 तक के निबंधित दस्तावेज को खोजा जा सकता है. वर्ष 1947 से 1970 तक के अभिलेखों का स्कैनिंग कार्य किया जा रहा है. पक्षकारों की सुविधा के लिए सभी प्रकार के दस्तावेजों का टेंपलेट वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.
मौके पर मंत्री ने रांची, देवघर और रामगढ़ निबंधन कार्यालय को आइएसओ प्रमाणपत्र सौंपा. कार्यक्रम में भू-राजस्व सचिव केके सोन, निबंधन महाप्रबंधक रामकुमार सिन्हा समेत विभिन्न जिलों से आये निबंधन पदाधिकारी उपस्थित थे.
जल्द ही राज्य में लागू होगा
प्रोजेक्ट भवन में आयोजित समारोह में मंत्री ने कहा : 2014 से पहले राज्य में जमीन का निबंधन और जमीन से संबंधित जानकारी प्राप्त करना मुश्किल था. वर्तमान सरकार के प्रयास से किसी भी जमीन की जानकारी ऑनलाइन देखी जा सकती है. मालिक और खरीदार जमीन की वर्तमान स्थिति से अवगत हो सकता है.
एनजीडीआरएस प्रणाली से अब आम नागरिकों को जमीन का निबंधन कराने में कोई परेशानी नहीं होगी. निबंधन में लगने वाले समय की बचत होगी. पारदर्शिता आयेगी. जल्द ही यह प्रणाली पूरे राज्य में लागू की जायेगी.