रांची : गढ़वा के एसपी व थाना प्रभारी ने कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर दायर क्रिमिनल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. सुनवाई के दाैरान अदालत में उपस्थित गढ़वा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) व थाना प्रभारी को फटकार लगायी […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर दायर क्रिमिनल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. सुनवाई के दाैरान अदालत में उपस्थित गढ़वा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) व थाना प्रभारी को फटकार लगायी गयी. उन्होंने बिना शर्त अदालत से माफी मांगी.
उन्होंने कहा कि उनसे अनजाने में बड़ी भूल हो गयी है. उसे सुधारने का अवसर देने का आग्रह किया. इसके लिए अलग से शपथ पत्र दायर करने की बात कही, ताकि भूल को सुधार सकें.
बिना शर्त माफी मांगने के बाद अदालत ने पुलिस अधिकारियों को माफ कर दिया. कहा कि गढ़वा थाना कांड संख्या 403/2018 का तेजी से अनुसंधान किया जाये. यह मामला 3.50 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी से संबंधित है. दो सप्ताह के बाद स्टेटस रिपोर्ट दायर किया जाये. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह के बाद तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता शैलेश कुमार सिंह ने पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि गढ़वा रियल टेक कंपनी के निदेशक मो सलाउद्दीन के साथ अन्य निदेशक राजेश कुमार, विनोद प्रसाद गुप्ता व सुरेंद्र यादव ने धोखाधड़ी की थी.
कंपनी की जमीन बेच दी. साथ ही प्राप्त 3.50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अपने निजी खाते में लेकर हड़प ली थी. इस मामले में मो सलाउद्दीन ने गढ़वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. बाद में झारखंड हाइकोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. प्राथमिकी दर्ज की गयी, लेकिन हाइकोर्ट के आदेश को प्राथमिकी का हिस्सा बना दिया गया.